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नई दिल्ली: देश में 66% मौतों के लिए गैर-संचारी रोग जिम्मेदार

नई दिल्ली: -एनसीडी से होने वाली असामयिक मृत्यु दर में कमी लाने के लिए राज्यों संग गंभीर चर्चा

नई दिल्ली, 10 जनवरी : देश वर्तमान में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) में अभूतपूर्व वृद्धि का सामना कर रहा है, जो पूरे देश में होने वाली सभी मौतों का 66% से अधिक है।

यह जानकारी शुक्रवार को तेलंगाना के हैदराबाद में गैर-संचारी रोगों पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में सामने आई। इस दौरान विशेषज्ञों ने कहा कि इन मौतों के पीछे तेजी से बदलते जनसांख्यिकीय और महामारी विज्ञान परिदृश्य के साथ हृदय रोग, मधुमेह, पुरानी श्वसन संबंधी बीमारियों और कैंसर जैसे गैर संचारी रोग हैं। जिसके चलते एनसीडी आज एक वृहद और सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बन गए हैं, खासतौर पर 30 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को प्रभावित कर रहे हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा उक्त मौतों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय कार्यक्रम-गैर-संचारी रोग (एनपी-एनसीडी) को लागू किया है। जिसके तहत एनसीडी और अन्य गंभीर स्थितियों, जैसे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी), नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (एनएएफएलडी) को शामिल किया गया है। साथ ही प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम (पीएमएनडीपी) के तहत डायलिसिस सेवाओं का विस्तार किया गया है।

श्रीवास्तव ने कहा, यह सम्मेलन एनसीडी की रोकथाम और नियंत्रण सहित स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को मजबूत करने के लिए भारत के 16वें वित्त आयोग के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय की प्राथमिकताओं की रणनीति बनाने में मदद करेगा। कार्यशाला में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रमुख सचिवों (स्वास्थ्य) के साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक सहित प्रमुख हितधारक मौजूद रहे।

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