नई दिल्ली: आयुष चिकित्सा के लिए देश के सभी चिकित्सा संस्थानों में बनेगा एक काउंटर
नई दिल्ली: - राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत प्रत्येक चिकित्सा संस्थान में विकसित किया जाएगा सिंगल विंडो सिस्टम
नई दिल्ली, 10 दिसम्बर : एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति से इलाज करने वाले तमाम सरकारी चिकित्सा संस्थानों में अब आयुष पद्धति से इलाज के लिए अलग -अलग काउंटरों पर पंजीकरण नहीं कराना पड़ेगा। इससे जहां आयुष स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। वहीं, आम जनता के जेब से होने वाले खर्च को कम किया जा सकेगा।
दरअसल, भारत सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और जिला अस्पतालों (डीएच) में आयुष सुविधाओं के सह-स्थान की रणनीति अपनाई है, ताकि रोगियों को एक ही खिड़की के नीचे विभिन्न चिकित्सा प्रणालियों के लिए विकल्प मिल सके। राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) के तहत देश के सभी चिकित्सा संस्थानों में मरीजों को आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी चिकित्सा सुविधा एक ही खिड़की या काउंटर पर उपलब्ध होगी। इस सुविधा से आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के माध्यम से एक समग्र कल्याण मॉडल स्थापित करने में मदद मिलेगी। साथ ही आयुष सिद्धांतों और प्रथाओं के आधार पर स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।
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