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नई दिल्ली: 200 अरब डॉलर के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है आयुष उद्योग : जाधव 

नई दिल्ली: -आयुष मिशन और आरोग्य मंदिरों के माध्यम से लाखों लोगों तक पहुंच रही आयुष स्वास्थ्य सेवाएं

नई दिल्ली, 19 अगस्त : प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ना सिर्फ आयुष प्रणाली का नेटवर्क तेजी से विकसित हुआ है। बल्कि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों और राष्ट्रीय आयुष मिशन के माध्यम से लाखों -करोड़ों लोगों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित हुई है। साथ ही देश का आयुष उद्योग 200 अरब डॉलर के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

यह बातें केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित आयुष मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में कही। बैठक में लोकसभा और राज्यसभा के विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों ने भाग लिया। जिनमें डॉ. स्वामी सचिदानंद हरि साक्षी, डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, ज्योत्सना सी. महंत, धर्मशिला गुप्ता, पुरुषोत्तम रूपाला, अष्टीकर पाटिल, नागेश बापूराव, ज्योतिर्मय सिंह महतो, लवू श्रीकृष्ण देवरायलु, सदानंद म्हालु शेट तनावड़े, बाबूभाई जेसंगभाई देसाई और कृष्ण प्रसाद टेनेटी शामिल थे।

वैश्विक पहुंच और नवाचार पर बोलते हुए, प्रतापराव जाधव ने कहा, एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025, इस वर्ष विशाखापत्तनम में 3 लाख से अधिक प्रतिभागियों के शामिल होने के साथ एक उल्लेखनीय उपलब्धि साबित हुआ। एकता और स्वास्थ्य का यह प्रभावशाली प्रदर्शन योग के बढ़ते वैश्विक प्रसार को दर्शाता है। इसके साथ ही, प्रकृति परीक्षण और मोरिंगा-आधारित आयुष आहार जैसी पहल साक्ष्य-आधारित अनुसंधान, निवारक स्वास्थ्य सेवा और स्वस्थ, स्थायी जीवन शैली को बढ़ावा देने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

बैठक के दौरान, सांसद पुरुषोत्तम रूपाला ने सुझाव दिया कि आयुष मंत्रालय पोस्टर, बैनर और अन्य सूचना एवं संचार सामग्री के माध्यम से अभियान चलाकर जन जागरूकता बढ़ाए। उन्होंने गांव और जिला स्तर पर जमीनी स्तर के वैद्यों के योगदान को मान्यता देने के महत्व पर भी जोर दिया और उनकी विशेषज्ञता को बढ़ावा देने के प्रयासों का आह्वान किया ताकि अधिक से अधिक लोग आयुष से लाभान्वित हो सकें। सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान आयुर्वेद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इससे कई लोगों की जान बच सकती है

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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