संदिग्ध मंकी पॉक्स रोगियों के लिए सफदरजंग में आइसोलेशन वार्ड तैयार
-मंकी पॉक्स से निपटने के बाबत सफदरजंग अस्पताल ने जारी की एसओपी
नई दिल्ली, 27 अगस्त : राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स के संक्रमण की आशंका के मद्देनजर सफदरजंग अस्पताल का आइसोलेशन वार्ड बनकर तैयार हो गया है। संदिग्ध मरीजों को अस्पताल के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक (एसएसबी) की छठी मंजिल में बने एक कमरे में आइसोलेट किया जाएगा।
त्वचा रोग विशेषज्ञ और नोडल अधिकारी डॉ. सुश्रुत कथूरिया ने बताया कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात सभी कर्मी पीपीई किट में होंगे। मरीज को आइसोलेट करने के बाद उसके रक्त, मूत्र व त्वचा के घावों के नमूने लिए जाएंगे और निदान की पुष्टि के लिए आईसीएमआर की लैब में भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा, संक्रमण का प्रसार किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित निकट शारीरिक संपर्क और यौन संपर्क के माध्यम से होता है। यह देखभाल करने वालों के माध्यम से भी फैल सकता है जो व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों का उपयोग नहीं कर रहे हैं।
डॉ सुश्रुत के मुताबिक मंकी पॉक्स से निपटने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है ताकि मंकीपॉक्स के संदेहास्पद मरीज की पहचान होने पर जल्दी उसे भर्ती कर इलाज शुरू हो सके। इसमें मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीजों के लक्षणों का ब्यौरा दिया गया गया है जिसमें बुखार, सिर दर्द, शरीर में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते, फफोले, गले या शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन होने जैसे लक्षण शामिल हैं।
डॉ कथूरिया ने कहा एसओपी में वर्णित लक्षण पाए जाने पर मरीज को दूसरे मरीज व अन्य स्वस्थ लोगों से अलग किया जाएगा। उसकी स्क्रीनिंग की जाएगी। एसओपी में संदिग्ध मरीज को सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के प्राइवेट वार्ड स्थित आइसोलेशन वार्ड में तुरंत स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, हवाई अड्डे पर पाए गए संदिग्ध मरीज को एंबुलेंस में एक सुरक्षा केबिन में बिठाकर एसएसबी में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं।