
New Delhi (संजीव अग्रवाल) : नीच राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में आए सूर्य, इन राशियों देंगे अब शुभ फल, आज सूर्य 16 नवंबर को राशि परिवर्तन कर रहे है, इस दिन वह दोपहर 13:44 मिनट पर तुला से निकलकर वृश्चिक में अपना स्थान लेंगे।
इसके बाद सूर्य 15 दिसंबर तक यही बने रहेंगे, उसके बाद सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे, सूर्य की राशि सिंह होती है। अगर जातक की कुंडली में सूर्य मजबूत स्थिति में होता है तो उसे मान सम्मान और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
जातक की कुंडली में सूर्य के अशुभ होने पर पेट, आंख और ह्रदय संबंधी रोग हो सकते हैं, यह भी माना जाता है सूर्य के अशुभ प्रभाव से जातक के सरकारी काम में भी बाधा आती है।
सभी ग्रहों के राजा सूर्य 16 नवंबर 2025 को दोपहर 13:44 मिनट पर तुला से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे और 15 दिसंबर 2025 तक यहीं रहेंगे।
वृश्चिक एक जल तत्व की राशि है और राशि चक्र में इसका आठवां स्थान है, इस राशि का स्वामित्व मंगल ग्रह को प्राप्त है, जो कि सूर्य की मित्र राशी है।
वृश्चिक राशि को सभी राशियों में सबसे संवेदनशील और सकारात्मक राशि माना जाता है, यह हमारे जीवन में तामसिक ऊर्जा, गहराई, रहस्य और परिवर्तन का प्रतिनिधित्व करती है।
इसलिए जब सूर्य इस राशि में प्रवेश करते हैं, तो यह समय व्यक्ति के जीवन में आंतरिक रूपांतरण, आत्मचिंतन और शक्ति के पुनर्जागरण का संकेत देता है।
ज्योतिष में सूर्य ग्रह का विशेष रूप से महत्व है, सूर्य ग्रह किसी भी राशि में लगभग 30 दिनों तक विराजमान रहेंगे, जिस दिन सूर्य देव राशि परिवर्तन करते हैं, उस दिन संक्रांति मनाई जाती है।
सनातन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग संक्रांति तिथि पर सूर्य देव की पूजा करते हैं, उन्हें समाज में अच्छी प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।
आपकी किस्मत भी अच्छी रहेगी और आप किसी भी काम में सफलता प्राप्त करेंगे, सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में जाता है तो उसे संक्रांति कहा जाता हैं और जब सूर्य तुला राशि से वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे वृश्चिक संक्रांति कहा जाता है।
प्रत्येक वर्ष में कुल 12 संक्रांति आती है और हर राशि में सूर्य 1 महीने तक रहते है सूर्य के इसी भ्रमण की स्थिति को संक्रांति कहा जाता है। संक्रांति को बहुत ही पवित्र दिनों में से एक माना जाता है, इसलिए इसे हिन्दू धर्म में पर्व भी कहा गया है।





