नई दिल्ली, 5 सितम्बर : तंबाकू के सेवन के चलते कैंसर जैसे रोगों की गिरफ्त में आने वाले लोगों के स्वास्थ्य संरक्षण के लिए एम्स दिल्ली ने एक विशेष अभियान चलाने का फैसला किया है। जिसके तहत तंबाकू छोड़ने की इच्छा रखने वाले लोगों को चिकित्सा सलाह, दवा और बिहेवियर थेरेपी जैसी सेवाएं निशुल्क प्रदान की जाएंगी।
दरअसल, एम्स के पल्मोनरी मेडिसिन एवं स्लीप डिसऑर्डर विभाग और राष्ट्रीय नशा निर्भरता उपचार केंद्र (एनडीडीटीसी) ने अस्पताल के नए राजकुमारी अमृत कौर बाह्य रोगी विभाग (न्यू आरएके ओपीडी) में तंबाकू सेवन समाप्ति क्लिनिक (टीसीसी) स्थापित किया है। जो आगामी 10 सितम्बर से लोगों को तंबाकू की लत से मुक्त होने में मदद करेगा। इस क्लिनिक की सेवाएं नई ओपीडी के 5वें तल पर स्थित कमरा नंबर ए-526 और ए-519 में प्रति मंगलवार सुबह 8.30 से 11 बजे तक उपलब्ध होंगी।
विशेषज्ञों के मुताबिक भारतीय पुरुषों में ओरल कैविटी कैंसर, लिप कैंसर और लंग्स कैंसर के मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं जिनके पीछे तंबाकू का सेवन एक बड़ा कारण हैं। यानी देश में कैंसर से होने वाली 30% मौतों के लिए बीड़ी और सिगरेट का सेवन ही जिम्मेदार हैं। इसके अलावा तंबाकू व्यक्ति के शरीर के अन्य अंगों पर भी तंबाकू का नकारात्मक असर डालता है। इसके मद्देनजर स्पेशल क्लिनिक शुरू किया जा रहा है जिसमें लोगों को तंबाकू छोड़ने की वजह और तंबाकू सेवन से बचाव के उपाय बताए जाएंगे। साथ ही उन्हें भावी पीढ़ी को तंबाकू से बचाने के बारे में भी जागरूक किया जाएगा।
तंबाकू से कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक व ब्रोंकाइटिस का खतरा
डॉक्टरों का कहना है कि तंबाकू के सेवन से केवल मुंह, गले और फेफड़ों कैंसर ही नहीं बल्कि हृदय रोग, स्ट्रोक, कोरोनरी हृदय रोग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इससे रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है और वे मोटी और संकरी हो सकती हैं। तंबाकू सेवन से श्वसन संबंधी समस्याएं जैसे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस या इम्फीसेमा हो सकती हैं। साथ ही पाचन तंत्र अस्थिर हो जाता है और पेट में गैस बन सकती है। जीवन शक्ति का ह्रास होता है। गर्भवती महिलाओं के बच्चे को दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है, बच्चे का जन्म समय से पहले, जन्म के समय बच्चे का वज़न कम होने की संभावना बढ़ जाती है।