लैंड ऑडिट में तीन गांवों से मिली 73 एकड़ जमीन
लैंड ऑडिट में तीन गांवों से मिली 73 एकड़ जमीन

अमर सैनी
नोएडा। प्राधिकरण अपनी एक-एक इंच जमीन की तलाश के लिए क्षेत्र के 39 गांवों में लैंड ऑडिट करा रहा है। यह जिम्मेदारी एक निजी एजेंसी को दी गई है। फिलहाल तीन गांवों सैनी, खैरपुर व क्यामपुर में काम पूरा हो चुका है, जहां 73 एकड़ जमीन मिली है। इसमें आईटी, संस्थागत और इंडस्ट्री के भूखंड शामिल हैं। किसान आबादी के भूखंड भी मिले हैं। लैंड ऑडिट में मिलने वाली जमीनों का उपयोग आगामी परियोजनाओं में किया जाएगा। उम्मीद है कि 39 गांवों में अच्छी खासी जमीन मिल जाएगी। विभाग के अधिकारियों को अपनी जमीन के बारे में जानकारी न होने की वजह से लैंड ऑडिट का निर्णय लेना पड़ा।
दरअसल आगामी विकास परियोजनाओं और किसानों को छह फीसदी आबादी भूखंड देने के लिए जमीन की सख्त जरूरत है। क्षेत्र के किसान वर्तमान मुआवजा दर पर अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं। प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से जमीन के बारे में जानकारी मांगी तो अधिकारी यह नहीं बता पाए कि कहां पर कितनी जमीन खाली पड़ी है। रिकॉर्ड न मिलने पर प्राधिकरण सीईओ ने शहरी क्षेत्र के गांवों में लैंड ऑडिट कराने का निर्णय लिया। इसकी जिम्मेदारी ईआई टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को सौंपी गई है। एजेंसी ने काम शुरू कर दिया है। प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक खैरपुर गांव में 23 एकड़, सैनी में 40 एकड़ और क्यामपुर में 10 एकड़ जमीन मिली है। इसमें आईटी, संस्थागत, आवासीय और इंडस्ट्री के प्लॉट शामिल हैं। इस जमीन की मौजूदा स्थिति के बारे में विभाग के अधिकारियों के पास कोई जानकारी नहीं थी।
लैंड ऑडिट के आधार पर सत्यापन किया जाएगा-
एजेंसी द्वारा तैयार की गई लैंड ऑडिट की रिपोर्ट के आधार पर प्राधिकरण अपनी जमीनों का सत्यापन कराएगा। इससे पता चल जाएगा कि मौके पर कितनी जमीन का लेआउट प्लान बना है। उसमें से कितने का आवंटन हुआ है और कितने भूखंड अभी खाली पड़े हैं। यह भी पता किया जाएगा कि कितनी अधिग्रहित जमीन अभी आगामी योजना के लिए बची हुई है। मात्र तीन गांवों के ऑडिट में 73 एकड़ से अधिक जमीन मिलने से अधिकारियों को उम्मीद है कि 39 गांवों में अच्छी खासी जमीन मिल जाएगी। आवंटन के बाद भी यदि किसी ने निर्माण नहीं किया तो उस पर कार्रवाई भी की जाएगी। इससे किसानों को आबादी भूखंड आवंटित करने सहित अन्य निवेशकों को जमीन आवंटित की सकती है।
ऐसे हो रहा लैंड ऑडिट –
ड्रोन से ली गई इमेज का प्राधिकरण के संपत्ति, परियोजना और नियोजन विभाग के नक्शे से मेल कराया जाता है। कहां पर कितनी जमीन किसे आवंटित की गई है और उसका उपयोग क्या है। उसकी मौजूदा स्थिति के बारे में पता चल जाएगा।
वर्जन
लैंड ऑडिट के माध्यम से यह पता लगाया जा रहा है कि प्राधिकरण की कितनी जमीन कहां पर और किस स्थिति में है। तीन गांवों में 73 एकड़ जमीन मिली है। 39 गांवों में लैंड किया जाना है। ऐसे में उम्मीद है कि अच्छी खासी जमीन मिल जाएगी।
रवि कुमार एनजी, सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण।