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कोलकाता की घटना ने डॉक्टर पेशे का ही नहीं मानवता का किया अपमान

-फोर्डा ने केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखकर भेजा अपनी मांगों का ब्यौरा

नई दिल्ली, 12 अगस्त : आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सोमवार को दिल्ली सहित अनेक राज्यों में हड़ताल के बाद फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (फोर्डा) ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा।

पत्र में फोर्डा ने लिखा कि रेजिडेंट डॉक्टर की मृत्यु के आसपास की भयावह परिस्थितियां, शायद रेजिडेंट डॉक्टर समुदाय के इतिहास में हुआ सबसे बड़ा उपहास है। यह न केवल हमारे पेशे का बल्कि मानवता की मूल भावना का भी अपमान है। पिछले पत्र में, हमने अपना आक्रोश व्यक्त किया और तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया। आज, हम अपनी प्रतिक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए मजबूर हैं। देश भर के सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) और मेडिकल एसोसिएशन अन्याय के खिलाफ इस लड़ाई में हमारे साथ शामिल हो गए हैं।

फोर्डा अध्यक्ष डॉ अविरल माथुर ने कहा, आर.जी. कार मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों की मांगे मानी जाएं। सभी जिम्मेदार अधिकारियों का इस्तीफा, जिसमें प्रिंसिपल, एमएसवीपी, डीन, पल्मोनरी मेडिसिन के एचओडी और आरजी कर एमसी एंड एच पुलिस चौकी के एसीपी शामिल हैं, जो इस मामले में एक ऑन ड्यूटी महिला डॉक्टर की गरिमा और जीवन की रक्षा करने का अपना कर्तव्य नहीं निभा सके। इस बात का दृढ़ आश्वासन होना चाहिए कि डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के दौरान कोई पुलिस क्रूरता या हाथापाई नहीं होगी।

शांतिपूर्वक विरोध करने के उनके अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए। मृतक को न्याय शीघ्र मिलना चाहिए और उचित मुआवजा मिलना चाहिए और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल और विशेषज्ञ समिति का गठन होना चाहिए। केंद्र सरकार को स्वास्थ्य देखभाल संरक्षण अधिनियम के तहत सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए एक अनिवार्य प्रोटोकॉल जारी करना और लागू करना चाहिए, इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए और केंद्र के अनुमोदन में तेजी लानी चाहिए।

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