किसान नेता राकेश टिकैत ने की बिजली नियामक आयोग के साथ बैठक
- किसानों ने की ट्यूबवेल पर बिजली के मीटर नहीं लगने देंगे
अमर सैनी
नोएडा। उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी नोएडा से महत्वपूर्ण खबर आ रही है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने राज्य सरकार को एक बड़ा अल्टीमेटम दिया है। यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा है कि वे किसी भी हालत में किसानों के नलकूपों पर बिजली मीटर लगाने की अनुमति नहीं देंगे। शुक्रवार को गौतमबुद्ध नगर में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में टिकैत ने उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन अरविन्द कुमार से मुलाकात की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “सरकार ने किसानों को मुफ्त बिजली का वादा किया है। इस वादे को पूरा करना होगा। हम नलकूपों पर मीटर लगाने के किसी भी प्रयास का विरोध करेंगे।
टिकैत ने मांग की कि सरकार प्रति किलोवाट दी जाने वाली सब्सिडी को एकसमान रखे, चाहे भार या वाट कितना भी बढ़ जाए।।गौतमबुद्ध नगर के डूब क्षेत्र के किसानों को नलकूपों के लिए बिजली कनेक्शन नहीं मिल रहे हैं। भाकियू ने इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।।यूनियन ने जोर देकर कहा कि सरकार को बिना किसी शर्त के किसानों को मुफ्त बिजली देनी चाहिए। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने किसान नेताओं की चिंताओं को गंभीरता से लेते हुए समाधान का आश्वासन दिया। बैठक में आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। यह बैठक किसान और सरकार के बीच चल रहे संवाद का हिस्सा थी। भाकियू ने साफ कर दिया है कि वे किसानों के हितों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। अब सभी की नजरें सरकार की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।
“अब सरकार को अपना वादा निभाना होगा”
जानकारों का मानना है कि यह मुद्दा आने वाले दिनों में और गरमा सकता है। कृषि क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति एक संवेदनशील मुद्दा है, जो राज्य की राजनीति और अर्थव्यवस्था दोनों को प्रभावित कर सकता है। स्थानीय किसान नेता पवन खटाना ने कहा, “हम लंबे समय से मुफ्त बिजली की मांग कर रहे हैं। अब सरकार को अपना वादा निभाना होगा। हम पीछे नहीं हटेंगे।” यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस चुनौती का कैसे जवाब देती है। क्या वह किसानों की मांगों को मानेगी या फिर कोई मध्यम मार्ग निकालेगी? आने वाले दिन इस मुद्दे पर और अधिक घटनाक्रम की संभावना है।