नई दिल्ली, 20 अगस्त : ड्यूटी के दौरान कोलकाता में महिला डॉक्टर संग दरिंदगी, बलात्कार और हत्या को लेकर डॉक्टर ही नहीं बल्कि पूरा देश आक्रोशित है। अब हम अपने किसी और साथी को खोना नहीं चाहते, स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए केंद्रीय सुरक्षा कानून (सीपीए) बनाए जाने को लेकर देशभर के डॉक्टर ‘अभी’ या ‘कभी नहीं’ टैगलाइन के साथ हड़ताल जारी रखेंगे।
यह बातें फेडरेशन ऑफ मेडिकल एसोसिएशन (फाइमा) के अध्यक्ष डॉ रोहन कृष्णन ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नेशनल टास्क फोर्स गठित करने के बाद कहीं। उन्होंने कहा, फाइमा इंडिया ने सभी संबंधित रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के साथ अखिल भारतीय बैठक के बाद फैसला लिया है कि हम तब तक विरोध वापस नहीं लेंगे, जब तक स्वास्थ्य मंत्रालय और गृह मंत्री अमित शाह हमें सीपीए नहीं देते। डॉ रोहन ने कहा, फिलहाल अस्पतालों की ओपीडी और इलेक्टिव सर्जरी अनिश्चितकाल तक बंद रहेंगी।
हालांकि, उन्होंने डॉक्टरों के प्रति सहानुभूति रखने और इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया। उधर, फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (फोर्डा) के अध्यक्ष डॉ अविरल माथुर ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने हमारी पीआईएल के जवाब में आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में घटित दुखद घटना का स्वतः संज्ञान लेकर डॉक्टरों की समस्याओं को समझा है। इस संबंध में नेशनल टास्क फोर्स गठित की है। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद फोर्डा इंडिया ने मंगलवार को रेजिडेंट डॉक्टरों संग एनटीएफ गठन, कार्यस्थल पर सुरक्षा के प्रमुख मुद्दों, आंदोलन के दौरान मरीजों की देखभाल को लेकर चिंता सहित अनेक बातों पर चर्चा की। इस वर्चुअल बैठक में देशभर से 35 से अधिक आरडीए प्रतिनिधि शामिल रहे।
हड़ताल खत्म और जारी रखने को लेकर आरएमएल पसोपेश में
डॉक्टर सुरक्षा मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद आरएमएल के आरडीए ने मंगलवार को एक पत्र जारी करके कहा कि अस्पताल के एमएस और मंत्रालय से 45 दिन में सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल खत्म कर रहे हैं। इस खबर के सामने आते ही हड़ताली डॉक्टरों में खलबली मच गई। आरडीए को आरएसएस और सरकार समर्थक बताने के आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गए। इस दौरान हड़ताली संगठनों ने बैठक करके आरडीए को आंदोलन में दोबारा शामिल कर लिया। नतीजतन कुछ ही घंटों में आरएमएल आरडीए ने हड़ताल समाप्ति को घोषणा को हड़ताल जारी रखने की घोषणा में तब्दील कर दिया। यानी बुधवार को भी दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल जारी रहेगी। हालांकि, सीपीए को लेकर आर -पार की लड़ाई लड़ने के समर्थक डॉक्टर 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई तक हड़ताल जारी रखने पर सहमत नजर आए।