Kamada Ekadashi 2025: कामदा एकादशी की कथा का पाठ करेगा पापों का नाश, मिलेगा विष्णु कृपा का वरदान
Kamada Ekadashi 2025: 8 अप्रैल 2025 को कामदा एकादशी मनाई जा रही है। इस दिन कामदा एकादशी की व्रत कथा का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। जानिए शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और पौराणिक कथा।

Kamada Ekadashi 2025: 8 अप्रैल 2025 को कामदा एकादशी मनाई जा रही है। इस दिन कामदा एकादशी की व्रत कथा का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। जानिए शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और पौराणिक कथा।
Kamada Ekadashi 2025: भगवान विष्णु को समर्पित व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और कथा
सनातन धर्म में कामदा एकादशी व्रत का अत्यधिक महत्व है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे पापों के नाश तथा सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए उत्तम माना गया है। 8 अप्रैल 2025 को कामदा एकादशी का व्रत पूरे श्रद्धा-भाव से किया जा रहा है।
Kamada Ekadashi 2025 शुभ मुहूर्त
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एकादशी तिथि प्रारंभ: 7 अप्रैल 2025, रात 08:00 बजे
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एकादशी तिथि समाप्त: 8 अप्रैल 2025, रात 09:12 बजे
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व्रत तिथि: 8 अप्रैल 2025
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पारण (व्रत खोलने का समय): अगले दिन प्रातःकाल उचित विधि से
Kamada Ekadashi 2025 का धार्मिक महत्व
मान्यता है कि कामना और मोक्ष की पूर्ति के लिए कामदा एकादशी व्रत अत्यंत प्रभावी होता है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है, सभी पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है। विशेष रूप से कामदा एकादशी की कथा का पाठ करना अति शुभ फलदायी माना गया है।
Kamada Ekadashi 2025 व्रत कथा
पुराणों के अनुसार, एक समय की बात है — भोगीपुर नामक नगरी में पुंडरीक नामक राजा का शासन था। वह ऐश्वर्य और विलासिता में डूबा हुआ था। उसी नगर में ललित और ललिता नामक गायक-दंपती रहते थे। एक दिन ललित राजा के दरबार में गीत गा रहा था, लेकिन उसका ध्यान अपनी पत्नी पर चला गया जिससे उसकी गायन कला में त्रुटि आ गई।
राजा को क्रोध आया और उसने ललित को राक्षस बनने का श्राप दे दिया। यह देखकर ललिता बहुत दुखी हुई और वह अपने पति को श्राप से मुक्ति दिलाने के लिए भटकने लगी। वह श्रृंगी ऋषि के पास पहुँची और उन्हें अपना दुःख सुनाया।
ऋषि ने उसे कामदा एकादशी व्रत करने की सलाह दी और बताया कि इस व्रत के प्रभाव से उसका पति फिर से मनुष्य रूप में लौट सकता है। ललिता ने पूरी श्रद्धा से व्रत किया, भगवान विष्णु की आराधना की और व्रत कथा का पाठ किया। व्रत के प्रभाव से ललित को श्राप से मुक्ति मिल गई और वह दोबारा मनुष्य रूप में लौट आया।
Kamada Ekadashi 2025: व्रत विधि और पारण
कामदा एकादशी के दिन प्रातः स्नान करके व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु की पूजा करें, पीले वस्त्र पहनें, तुलसी दल चढ़ाएं और कामदा एकादशी व्रत कथा का पाठ करें। अगले दिन पारण करते समय दान-दक्षिणा और अन्न का दान अवश्य करें।
कामदा एकादशी: पुण्य, मोक्ष और विष्णु भक्ति का पर्व
यह व्रत न केवल पापों से मुक्ति दिलाता है, बल्कि मनोकामनाओं की पूर्ति और मोक्ष के द्वार भी खोलता है। भगवान विष्णु की भक्ति में लीन होकर जब यह व्रत किया जाता है, तो साधक को लोक-परलोक दोनों में लाभ प्राप्त होता है।
कामदा एकादशी 2025: एक नज़र में
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उद्देश्य: पापों का नाश, मोक्ष प्राप्ति, विष्णु कृपा
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महत्व: विशेष रूप से मनोकामना पूर्ति और श्राप से मुक्ति
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मुख्य अनुष्ठान: व्रत, कथा पाठ, विष्णु पूजन, दान
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व्रत पारण: द्वादशी तिथि को प्रातः काल
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