
नई दिल्ली, 8 फरवरी : आजकल बच्चों और किशोरों में न्यूरो डेवलपमेंटल विकार, भावनात्मक और व्यवहार संबंधी समस्याओं का इजाफा हो रहा है। जिससे निपटने के लिए राष्ट्रीय औषधि निर्भरता उपचार केंद्र (एन.डी.डी.टी.सी.) और एम्स दिल्ली के मनोचिकित्सा विभाग ने शनिवार को दो दिवसीय सतत चिकित्सा शिक्षा (सी.एम.ई.) का आयोजन किया।
इस दौरान एनडीडीटीसी के अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक और मनोचिकित्सा विभाग के प्रो प्रभु दयाल ने बताया कि एम्स के जवाहरलाल नेहरू सभागार में आयोजित सीएमई के दौरान ‘मन को स्वस्थ करना और आत्माओं का पोषण करना’ विषय पर चर्चा की गई। साथ ही शैक्षणिक सत्र, पैनल चर्चा, केस चर्चा और व्यावहारिक कार्यशालाएं आयोजित की गईं। इसके अलावा मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान के साथ नैदानिक कौशल में इजाफा किया गया।