
Jallianwala Bagh हत्याकांड की 106वीं बरसी पर जानिए उन भारतीय और विदेशी फिल्मों के बारे में जिन्होंने इस ऐतिहासिक त्रासदी को पर्दे पर जीवंत किया और दर्शकों को उस दौर के दर्द से जोड़ा।
Jallianwala Bagh हत्याकांड की 106वीं बरसी
13 अप्रैल 2025 को जलियांवाला बाग हत्याकांड की 106वीं बरसी मनाई जा रही है। 1919 के इस क्रूर नरसंहार में ब्रिटिश सेना ने निहत्थे भारतीयों पर गोलियां चलाईं थीं। इस घटना ने स्वतंत्रता संग्राम की दिशा बदल दी। भारतीय सिनेमा ने इस ऐतिहासिक दर्द को कई फिल्मों के माध्यम से दर्शकों तक पहुँचाया है।
Jallianwala Bagh को दर्शाने वाली प्रमुख फिल्में
Jallianwala Bagh(1977)
बलराज ताह की इस फिल्म में परिक्षित साहनी ने उधम सिंह का किरदार निभाया था। विनोद खन्ना, शबाना आजमी और दीप्ति नवल भी अहम भूमिकाओं में थे। फिल्म में गुलजार का लिखा स्क्रीनप्ले स्वतंत्रता संग्राम के भावों को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करता है।
गांधी (1982)
रिचर्ड एटेनबरो द्वारा निर्देशित इस ऑस्कर विजेता फिल्म में बेन किंग्सले ने गांधीजी का किरदार निभाया। फिल्म में जलियांवाला बाग हत्याकांड को बेहद मार्मिक और ऐतिहासिक दृश्य के रूप में दिखाया गया है, जिससे दर्शकों को उस दौर की क्रूरता का अहसास होता है।
शहीद उधम सिंह (2000)
राज बब्बर अभिनीत यह फिल्म उधम सिंह के दृष्टिकोण से Jallianwala Bagh बाग कांड को दिखाती है। निर्देशक चित्रार्थ ने इस फिल्म में उधम सिंह के संघर्ष और बदले की भावना को प्रमुखता से प्रस्तुत किया है।
द लीजेंड ऑफ भगत सिंह (2002)
राजकुमार संतोषी की इस फिल्म में अजय देवगन ने भगत सिंह की भूमिका निभाई थी। फिल्म में Jallianwala Bagh कांड को एक प्रेरक घटना के रूप में चित्रित किया गया, जिसने भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों को जन्म दिया।
रंग दे बसंती (2006)
आमिर खान अभिनीत इस फिल्म में आधुनिक युवाओं को स्वतंत्रता सेनानियों से जोड़ने का प्रयास किया गया। फिल्म में फ्लैशबैक में जलियांवाला बाग का दृश्य दिखाया गया है, जो दर्शकों को भावनात्मक रूप से झकझोरता है।
फिल्लौरी (2017)
यह रोमांटिक-हॉरर फिल्म अनुष्का शर्मा और दिलजीत दोसांझ की मुख्य भूमिका में है। फिल्म की कहानी में 1919 की पृष्ठभूमि भी दिखाई गई है, जिसमें जलियांवाला बाग का त्रासद दृश्य एक अहम मोड़ के रूप में आता है।
सरदार उधम (2021)
विक्की कौशल अभिनीत यह फिल्म उधम सिंह की जीवन गाथा को बेहद संजीदगी से प्रस्तुत करती है। Jallianwala Bagh हत्याकांड का विस्तृत और बेहद भावुक दृश्य फिल्म का मुख्य आकर्षण है। शूजीत सरकार द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने पांच राष्ट्रीय पुरस्कार जीते और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी खूब सराहना बटोरी।
Jallianwala Bagh हत्याकांड केवल इतिहास की एक त्रासदी नहीं, बल्कि भारत के आज़ादी के आंदोलन की प्रेरणा भी रहा है। हिंदी सिनेमा ने इस दर्द को संजीवनी दी, जिससे नई पीढ़ी भी इस बलिदान को समझ सके। ये फिल्में न सिर्फ दर्शकों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उन्हें इतिहास से जोड़ने का भी कार्य करती हैं।