
उपराष्ट्रपति Jagdeep Dhankhar ने अचानक इस्तीफा दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य कारण बताए हैं, लेकिन विपक्ष और जनता इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। क्या इसके पीछे कोई राजनीति है?
Jagdeep Dhankhar का इस्तीफा: सेहत का हवाला या राजनीतिक टकराव?
Jagdeep Dhankhar News: भारत के उपराष्ट्रपति Jagdeep Dhankhar ने सोमवार की शाम अचानक अपने पद से इस्तीफा देकर देशभर को चौंका दिया। उन्होंने इस्तीफे के पीछे सेहत का कारण बताया, लेकिन उनकी टाइमिंग और उस दिन की सक्रियता ने इस पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
संसद सत्र के पहले दिन तक पूरी तरह सक्रिय थे धनखड़
संसद के मानसून सत्र का पहला दिन था और Jagdeep Dhankhar सदन की कार्यवाही पूरी ऊर्जा से चला रहे थे। उन्होंने पूरे दिन किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या का जिक्र नहीं किया। शाम 5:45 बजे उन्होंने विपक्षी नेताओं से भी मुलाकात की थी। इसके बावजूद कुछ ही घंटों बाद उनका इस्तीफा सामने आया।
विपक्ष ने उठाए गंभीर सवाल
कांग्रेस नेता जयराम रमेश, प्रमोद तिवारी और अखिलेश प्रसाद सिंह ने दावा किया कि उपराष्ट्रपति पूरी तरह स्वस्थ नजर आ रहे थे। उनका कहना है कि सेहत के नाम पर इस्तीफा देना सिर्फ एक बहाना है। इससे जुड़ी अन्य बातों ने भी इस शक को मजबूत किया है।
अचानक इस्तीफे के पीछे क्या वजह?
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23 जुलाई का प्रस्तावित जयपुर दौरा रद्द नहीं किया गया था, इसका मतलब है कि उनका शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ने की कोई तत्काल सूचना नहीं थी।
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कुछ सूत्रों का कहना है कि यह सरकार और जगदीप धनखड़ के बीच किसी गंभीर मतभेद का परिणाम हो सकता है।
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किसानों के मुद्दे, राज्यसभा संचालन में स्वतंत्र रवैया, या सत्ता पक्ष से दूरी जैसे कारण भी इस फैसले के पीछे माने जा रहे हैं।
कार्यकाल के दो साल बाकी थे
Jagdeep Dhankhar ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति पद ग्रहण किया था। उनका कार्यकाल 2027 तक था, यानी अभी भी दो वर्ष से अधिक समय शेष था। उन्होंने पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया था और अपने बेबाक बयानों के लिए प्रसिद्ध रहे हैं।
अब कौन संभालेगा जिम्मेदारी?
भारत के संविधान के अनुसार, अगले 60 दिनों में नए उपराष्ट्रपति का चुनाव अनिवार्य है। तब तक राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह कार्यवाहक सभापति की भूमिका निभाएंगे।
Jagdeep Dhankhar के इस्तीफे ने न सिर्फ सियासी हलचल पैदा की है, बल्कि यह भी साफ कर दिया है कि इस मामले में सिर्फ “सेहत” कारण बताना पर्याप्त नहीं है। संसद, विपक्ष और देश के लोग अब इस घटनाक्रम के पीछे की असली वजह जानना चाहते हैं।