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IGMC Shimla : आईजीएमसी शिमला की घटना पर मुख्यमंत्री सख्त, 24 दिसंबर तक जांच पूरी कर कार्रवाई के निर्देश

IGMC Shimla : आईजीएमसी शिमला की घटना पर मुख्यमंत्री सख्त, 24 दिसंबर तक जांच पूरी कर कार्रवाई के निर्देश

शिमला, 23 दिसंबर 2025। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज स्वास्थ्य विभाग, इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय (आईजीएमसी) शिमला और निदेशालय चिकित्सा शिक्षा के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा से जुड़े विभिन्न विषयों और 22 दिसंबर को आईजीएमसी में हुई घटना पर विस्तृत चर्चा की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने घटना से संबंधित सभी तथ्यों की गहन जानकारी अधिकारियों से प्राप्त की और स्पष्ट निर्देश दिए कि इस प्रकरण की जांच 24 दिसंबर 2025 तक हर हाल में पूरी कर रिपोर्ट के आधार पर शीघ्र उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी संस्थान में कार्यरत पेशेवरों का व्यवहार संयमित, मर्यादित और शांत होना चाहिए, क्योंकि इससे न केवल व्यक्ति की छवि बनती है बल्कि पूरे संस्थान की साख और प्रतिष्ठा भी जुड़ी होती है। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से पढ़कर निकले चिकित्सकों ने देश और विदेश में हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है, ऐसे में इस प्रकार की घटनाएं निंदनीय हैं और अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने निदेशालय चिकित्सा शिक्षा को निर्देश दिए कि सीनियर रेजिडेंसी के लिए मेडिकल कॉलेजों में आने वाले चिकित्सकों के लिए अनिवार्य इंडक्शन ट्रेनिंग प्रारंभ की जाए। उन्होंने सीनियर रेजिडेंसी प्रक्रिया की विस्तृत समीक्षा की और कहा कि इंडक्शन ट्रेनिंग से डॉक्टरों को संस्थान के नियमों, कार्यशैली, पेशेवर आचरण और जिम्मेदारियों की बेहतर समझ मिलेगी, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सकेगा।

ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान प्रदेश सरकार ने चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में कई महत्वाकांक्षी पहल की हैं। डॉक्टरों, शिक्षकों और पैरामेडिकल स्टाफ को बेहतर कार्य वातावरण उपलब्ध कराने के लिए विश्वस्तरीय मानकों को अपनाया जा रहा है। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार न केवल स्वास्थ्य क्षेत्र को सुदृढ़ बना रही है बल्कि हिमाचल प्रदेश को स्वास्थ्य सेवाओं में आदर्श राज्य बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और स्वास्थ्य अधोसंरचना के विस्तार के लिए सरकार ने तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च करने का निर्णय लिया है। इसके तहत स्वास्थ्य संस्थानों में पिछले दो दशकों से उपयोग में लाई जा रही पुरानी मशीनों और उपकरणों को हटाकर नई और अत्याधुनिक तकनीक से लैस उपकरण लगाए जा रहे हैं, जिससे मरीजों को बेहतर जांच और उपचार सुविधाएं मिल सकें।

बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने भी चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने से संबंधित महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, सचिव स्वास्थ्य संदीप कदम, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. राकेश शर्मा, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. गोपाल बेरी, मेडिकल सुपरिटेंडेंट आईजीएमसी डॉ. राहुल राव, अतिरिक्त निदेशक नीरज कुमार गुप्ता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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