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हड़ताल के दौरान इलाज से वंचित मरीजों को एम्स देगा प्राथमिकता

-दिल्ली में डॉक्टरों की 11 दिन की हड़ताल के बाद शुरू हुई ओपीडी, लैब सेवाएं, अस्पतालों में इलाज के लिए जुटी भारी भीड़

नई दिल्ली, 23 अगस्त : वीरवार को डॉक्टर संगठनों की हड़ताल समाप्ति की घोषणा के साथ शुक्रवार को दिल्ली के तमाम अस्पतालों में ओपीडी, इलेक्टिव सर्जरी और लैब सेवाएं फिर से शुरू हो गईं। हालांकि, फैकल्टी और कंसलटेंट स्तर के डॉक्टर मरीजों का उपचार कर रहे थे।

इस दौरान एम्स दिल्ली, आरएमएल, सफदरजंग, लोकनायक, जीटीबी, जीबी पंत, हेडगेवार आरोग्य संस्थान, दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान और लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी में मरीजों को उपचार प्रदान किया। अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे मरीजों ने कहा कि आज हमें अस्पताल में इलाज कराने में कोई समस्या नहीं आई, लेकिन भीड़ काफी अधिक रही। वही एम्स की प्रवक्ता डॉ रीमा दादा ने कहा कि हड़ताल के दौरान सर्जरी और रेडियोलॉजिकल एवं पैथोलॉजिकल सुविधाओं से वंचित मरीजों को प्राथमिकता दी जा रही है। विशेष तौर पर ऐसे मरीज जिनकी हड़ताल के दौरान अपॉइंटमेंट या डेट्स निकल गई हैं। इन मरीजों को एक हफ्ते के अंदर की डेट उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, इन 11 दिनों में जिन लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी है, उनको प्राथमिकता दी जा रही है।

आरएमएल में ओपीडी, ओटी सब खुले
आरएमएल अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ अजय शुक्ला ने बताया कि डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने के बाद 100 फीसदी रेजिडेंट डॉक्टर्स काम पर लौट चुके हैं। ओपीडी में जो भी मरीज आकर लौट गए थे, उन्हें अब इलाज मिल रहा है। इसके साथ ही जिनकी अपॉइंटमेंट निकल गई हैं, उन्हें जल्दी की तारीख दी जा रही है। लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ सुरेश कुमार ने कहा कि सभी रेजीडेंट डॉक्टरों ने अपनी अपनी ड्यूटी ज्वाइन करके ओपीडी लैब और सर्जरी में काम शुरू कर दिया। इसके बाद अस्पताल में आने वाले मरीजों को देखा गया और सर्जरी भी की गई। इसी तरह इहबास अस्पताल में भी बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे। डॉक्टरों ने उन्हें ओपीडी में देखा और दवाइयां लिखी। वहीं, दवा वितरण काउंटर से उन्हें दवाइयां भी दी गई। उपाधीक्षक डॉ ओमप्रकाश ने बताया, अन्य अस्पतालों की तुलना में इहबास में आज अच्छी संख्या में मरीज पहुंचे थे। हालांकि सामान्य दिनों में जितनी मरीजों की संख्या रहती है उससे संख्या थोड़ी कम थी।

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