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भारतीय सेना की तकनीकी छलांग: एक्सप्लोडर एवं अग्निस्त्र का निर्माण

- सेना डिजाइन ब्यूरो द्वारा विकसित नवाचारों की प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण संपन्न

नई दिल्ली, 23 अगस्त: पारंपरिक युद्ध और आतंकवाद विरोधी अभियानों में बेहद कारगर ‘एक्सप्लोडर’ और ‘अग्निअस्त्र’ जल्द ही बड़े पैमाने पर भारतीय सेना में शामिल हो सकेंगे। इस संबंध में शुक्रवार को दिल्ली में टीओटी समारोह का आयोजन किया गया जिसमें उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजसुब्रमणि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

इस अवसर पर सेना ने फाउंडेशन ऑफ इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (एफआईआईटी) के माध्यम से अपने दोनों क्रांतिकारी नवाचारों की प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण एक निजी कंपनी को कर दिया। इन दोनों हथियारों का विकास सेना डिजाइन ब्यूरो ने किया है जिनसे दोनों तरह के ऑपरेशनों (पारंपरिक और आतंकवाद विरोधी) के दौरान सटीक कमरे में हस्तक्षेप, बंकर ध्वस्तीकरण और बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे को नष्ट करना संभव हो सकेगा।

एक्सप्लोडर, एक उन्नत मानव रहित ग्राउंड व्हीकल (यूजीवी), एक बहुमुखी प्रणाली है जिसे कई तरह की लड़ाकू और परिचालन भूमिकाओं के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह मानव रहित टोही कार्य करने के साथ विस्फोटक पेलोड भी कर सकता है। साथ ही इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) को दूर से ही नष्ट कर सकता है। इसमें प्रभावी रूप से छिपने की जगह को साफ करने के लिए एक आत्म-विनाश मोड भी है और इसे आपदा राहत कार्यों में तैनात किया जा सकता है। वहीं, अग्निस्त्र एक मल्टी टारगेट पोर्टेबल डेटोनेशन सिस्टम है जिसे रिमोट डेटोनेशन तकनीक में एक छलांग माना जा सकता है। विस्तारित दूरी से कई स्थानों को लक्षित करने में सक्षम, इसे मैन्युअल रूप से रखा जा सकता है या यूएवी या यूजीवी का उपयोग करके वितरित किया जा सकता है।

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