Noida Authority Action: 101 सोसायटियों पर 150 करोड़ का पानी बिल बकाया, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने जारी किया आरसी का नोटिस

Noida Authority Action: 101 सोसायटियों पर 150 करोड़ का पानी बिल बकाया, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने जारी किया आरसी का नोटिस
नोएडा। ग्रेटर नोएडा में बड़े पानी बिल बकायेदारों के खिलाफ अथॉरिटी ने सख्त रुख अपनाते हुए आर-पार की कार्रवाई शुरू कर दी है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की 101 बिल्डर सोसायटियों पर करीब 150 करोड़ रुपये का पानी बिल बकाया है। अथॉरिटी ने इन सभी सोसायटियों को नोटिस जारी कर दिया है और स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि तय समयसीमा के भीतर बकाया राशि जमा नहीं की गई तो रिकवरी सर्टिफिकेट जारी कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जल विभाग के सीनियर मैनेजर विनोद शर्मा के अनुसार, इन बकायेदार सोसायटियों में बड़ी समस्या उन परिसरों में सामने आ रही है जहां अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन यानी एओए का गठन हो चुका है। आरोप है कि एओए निवासियों से नियमित रूप से पानी का बिल वसूल रही है, लेकिन वह राशि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के खाते में जमा नहीं कराई जा रही। इससे अथॉरिटी को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि पानी बिल की यह बकाया राशि शहर की जलापूर्ति व्यवस्था के रखरखाव में भी बड़ी बाधा बन रही है। पाइपलाइन की मरम्मत, पंपिंग स्टेशन के संचालन और गंगाजल परियोजना से जुड़ी व्यवस्थाओं पर असर पड़ रहा है। पिछले वर्ष भी अथॉरिटी ने इसी तरह की सख्ती दिखाई थी, जिसके चलते करीब 43 करोड़ रुपये की रिकवरी की गई थी। उसी अनुभव को देखते हुए इस बार भी कड़ा कदम उठाया गया है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह ने स्पष्ट किया है कि पानी का बिल न चुकाने वाले बड़े बकायेदारों की सूची तैयार कर ली गई है। पहले चरण में ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं के बड़े आवंटियों को नोटिस जारी किए गए हैं और उन्हें बकाया भुगतान के लिए अंतिम अवसर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नोटिस के बाद भी यदि भुगतान नहीं किया गया तो आरसी जारी कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित सोसायटियों की होगी।
अथॉरिटी का मानना है कि समय पर बिल जमा न होने से ईमानदार उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और पूरे सिस्टम की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। ऐसे में अब किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की इन 101 सोसायटियों पर की जा रही यह कार्रवाई आने वाले समय में अन्य बकायेदारों के लिए भी एक कड़ा संदेश मानी जा रही है।





