Greater Noida Swarnnagari: स्वर्णनगरी सेक्टर में तीन साल से अधर में लटका वाटर पार्क प्रोजेक्ट, फव्वारे अब तक बंद, निवासियों में बढ़ रही नाराजगी

Greater Noida Swarnnagari: स्वर्णनगरी सेक्टर में तीन साल से अधर में लटका वाटर पार्क प्रोजेक्ट, फव्वारे अब तक बंद, निवासियों में बढ़ रही नाराजगी
फव्वारे बंद, सुंदरता पर ग्रहण
ग्रेटर नोएडा के स्वर्णनगरी सेक्टर में बने दो आकर्षक वाटर पार्क अब उपेक्षा का प्रतीक बन गए हैं। पिछले तीन साल से यहां के फव्वारे बंद पड़े हैं, जिससे पार्क की सुंदरता पूरी तरह फीकी पड़ गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कई बार मरम्मत और रखरखाव शुरू करने का वादा किया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। स्थानीय निवासियों का कहना है कि वाटर पार्क से जुड़ी फाइल लगातार एक टेबल से दूसरी टेबल पर घूम रही है, और अधिकारियों की लापरवाही से यह प्रोजेक्ट अधर में लटका हुआ है।
अमर उजाला संवाद में फूटी नाराजगी
रविवार को अमर उजाला संवाद कार्यक्रम के दौरान स्वर्णनगरी सेक्टर के निवासियों ने अपनी नाराजगी खुलकर व्यक्त की। उन्होंने बताया कि यहां की ड्रेनेज व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। सीवर का पानी बार-बार सड़कों और ब्लॉकों में भर जाता है, जिससे दुर्गंध और मच्छरों की समस्या बढ़ गई है। कई पुरानी सीवर लाइनें जाम हैं और समय पर सफाई न होने से स्थिति और बिगड़ती जा रही है।
धार्मिक स्थल और ग्रीन बेल्ट की उपेक्षा
महिला निवासियों ने शिकायत की कि सेक्टर में कोई धार्मिक स्थल नहीं है, जिसके कारण उन्हें दूसरे सेक्टरों में जाना पड़ता है। उन्होंने प्राधिकरण से मंदिर निर्माण की मांग की है ताकि स्थानीय लोगों को सुविधा मिल सके। ग्रीन बेल्ट की हालत भी दयनीय है — नियमित सफाई न होने से गंदगी फैली है, और निवासियों द्वारा लगाए गए हजारों पौधे पानी के अभाव में सूख रहे हैं। लोगों ने कहा कि यदि प्राधिकरण सिंचाई की व्यवस्था नहीं करता, तो उनका सारा प्रयास व्यर्थ हो जाएगा।
टूटी पाइपलाइन और बदहाल सुविधाएं
निवासियों ने बताया कि सेक्टर में पानी की पाइपलाइन अक्सर टूट जाती है, जिससे जलापूर्ति बार-बार बाधित होती है। पार्कों में सीनियर सिटीजन के लिए बैठने की व्यवस्था नहीं है, और हाल ही में स्थापित ओपन जिम रखरखाव के अभाव में खराब हो चुका है। लोगों का कहना है कि लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी यह सुविधा अब उपयोग में नहीं है।
लावारिस कुत्तों से दहशत में लोग
सबसे गंभीर समस्या आवारा कुत्तों की है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, अब तक 12 से अधिक लोग कुत्तों के हमले का शिकार हो चुके हैं। कई बार शिकायत करने के बावजूद प्राधिकरण ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। लोगों ने मांग की है कि इन कुत्तों को तुरंत पकड़कर शेल्टर होम भेजा जाए ताकि बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
विकास कार्यों की उम्मीदें अधूरी
निवासियों का कहना है कि अगर स्थिति में जल्द सुधार नहीं हुआ तो वे सामूहिक रूप से प्रदर्शन करेंगे। लोगों को उम्मीद है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अब इस क्षेत्र की अनदेखी खत्म करेगा और वाटर पार्क सहित सभी विकास कार्यों को शीघ्र शुरू करेगा, ताकि सेक्टर फिर से अपनी पुरानी खूबसूरती हासिल कर सके।


