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गीला व सूखा कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट शुरू नहीं हो सका

गीला व सूखा कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट शुरू नहीं हो सका

अमर सैनी

नोएडा। कूड़ा निस्तारण को लेकर प्राधिकरण से लेकर कंपनी स्तर तक लापरवाही बरती जा रही है। करीब दो साल पहले गीला व सूखा कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट बनाने की योजना तैयार की गई थी, लेकिन अभी तक प्लांट शुरू नहीं हो सका है। योजना तैयार करते समय दावा किया गया था कि एक से डेढ़ साल में प्लांट बनकर तैयार हो जाएगा। प्लांट शुरू न होने से नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अलग-अलग कूड़ा निस्तारण कर रहे हैं। इन प्लांट में दोनों प्राधिकरण क्षेत्रों का कूड़ा निस्तारण किया जाना है।

योजना तैयार करते समय नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया था कि नगर निगम के ठोस कूड़े के स्थाई समाधान के लिए मेसर्स एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड मिश्रित कूड़े से ग्रीन कोल प्लांट तैयार करेगी। यह करीब 600 टन का प्लांट होगा। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली एजेंसी प्लांट में कूड़ा भेजेगी। दूसरा प्लांट गीला कूड़ा निस्तारण के लिए लगाया जाएगा। यह 200 टन का प्लांट होगा और मेसर्स एवर एनवायरो रिसोर्सेज मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड लगाएगी। डोर टू डोर एजेंसी भी इस प्लांट तक कूड़ा पहुंचाएगी। दो साल पहले प्राधिकरण ने प्लांट लगाने के लिए दोनों कंपनियों को पैनल में शामिल किया था। सहमति बनी थी कि नोएडा प्राधिकरण इस प्लांट को लगाने के लिए सिर्फ जमीन उपलब्ध कराएगा और अन्य कोई खर्च वहन नहीं करेगा। संबंधित कंपनी अपने खर्च पर प्लांट लगाएगी और इससे होने वाली आय का इस्तेमाल करेगी। नोएडा में जगह न मिलने पर डेढ़ साल पहले ग्रेटर नोएडा के अस्तौली में भी जमीन चिह्नित कर ली गई थी। लेकिन अभी तक मौके पर सिर्फ बाउंड्रीवाल आदि का निर्माण ही हो पाया है। प्लांट को शुरू होने में अभी काफी समय लगेगा। सड़क और सीवर की पर्याप्त सुविधा भी नहीं दी गई है। अभी तक नोएडा प्राधिकरण सेक्टर-145, सेक्टर-80 समेत अन्य स्थानों पर गीला और सूखा कूड़ा निस्तारण कर रहा है। नोएडा से रोजाना 700 से 800 मीट्रिक टन से अधिक कूड़ा निकलता है।इस संबंध में प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि अस्तौली में संबंधित कंपनियों को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही काम में तेजी आएगी।

कूड़े से ग्रीन कोल और गैस बनाया जाएगा
इन दोनों प्लांट के जरिए लोगों के घरों से निकलने वाले कूड़े से ग्रीन कोल और गैस बनाई जाएगी। इसके लिए 800 टन क्षमता के प्लांट लगाए जाएंगे। एक प्लांट में मिश्रित कूड़े से कोयले के जरिए बिजली बनाई जाएगी और दूसरे प्लांट में गीले कूड़े से सीएनजी गैस बनाई जाएगी। जिले में सरकारी कार्यों के लिए भी कोयले और सीएनजी का इस्तेमाल किया जाएगा। बसों को भी सीएनजी से चलाया जाएगा।

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