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गांवों में स्ट्रीट लाइटों को मीटर से जोड़ने की तैयारी

गांवों में स्ट्रीट लाइटों को मीटर से जोड़ने की तैयारी

अमर सैनी

नोएडा। प्राधिकरण क्षेत्र के गांवों में लगी एलईडी स्ट्रीट लाइटों को मीटर से जोड़ने और उसी के अनुसार बिल देने की तैयारी चल रही है। इसके लिए सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है। प्राधिकरण और नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) की संयुक्त टीम गांवों में जाकर सर्वे कर रही है। यह देखा जा रहा है कि कहां मीटर लगाने की जरूरत है। प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले करीब 100 गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाने का काम पूरा हो चुका है। फिलहाल लोड के हिसाब से बिल दिए जा रहे हैं। मीटर लगने के बाद सिर्फ उन्हीं स्ट्रीट लाइटों का भुगतान होगा, जो जल रही हैं। इस तरह प्राधिकरण को आर्थिक लाभ होगा।

दरअसल, बिजली के भारी भरकम बिल से निजात दिलाने और ऊर्जा बचाने के लिए प्राधिकरण ने क्षेत्र के शहरी और गांवों में करीब 75 हजार स्मार्ट एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई हैं। इसका ठेका सूर्या कंपनी के पास है। आधी बिजली खपत का दावा किया गया। प्राधिकरण गांवों में लगाई गई स्ट्रीट लाइटों का बिल स्वीकृत लोड के हिसाब से बिजली आपूर्ति करने वाली कंपनी एनपीसीएल को देता है। जबकि गांवों में स्थिति यह है कि करीब 50 फीसदी स्ट्रीट लाइटें जलती ही नहीं। इतना ही नहीं, अगर खराब हो जाएं तो उन्हें ठीक कराने में कई दिन लग जाते हैं। ग्रामीण आए दिन इसकी शिकायत करते रहते हैं। इसे देखते हुए प्राधिकरण ने सभी स्ट्रीट लाइटों को मीटर से जोड़ने और उसी के अनुसार बिल देने का निर्णय लिया है। इसके लिए गांवों में सर्वे कराया जा रहा है, ताकि पता चल सके कि किन गांवों में मीटर लगे हैं। योजना के मुताबिक 40 से 50 स्ट्रीट लाइटों के ऊपर एक मीटर लगाया जाएगा। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि इससे बिजली का बिल कम आ सकता है। बिल सिर्फ उन्हीं स्ट्रीट लाइटों का आएगा, जो जल रही हैं।

प्राधिकरण को होगा आर्थिक लाभ
स्ट्रीट लाइटों को मीटर से जोड़ दिया जाए तो प्राधिकरण पर बिल का बोझ कुछ हद तक कम हो सकता है। बिल सिर्फ उन्हीं स्ट्रीट लाइटों का जारी होगा, जो चालू हालत में हैं। गांवों में बड़ी संख्या में स्ट्रीट लाइटें अक्सर खराब रहती हैं। सूर्या कंपनी की ओर से नियमित रखरखाव भी नहीं किया जा रहा है।

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