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गाजियाबाद में सगे भाई की पीट पीटकर हत्या

गाजियाबाद में सगे भाई की पीट पीटकर हत्या

अमर सैनी

गाजियाबाद। भोजपुर थाना पुलिस ने एक बड़े सनसनीखेज मामले का खुलासा किया है। बड़े भाई के द्वारा बहन (ताऊ की बेटी) के साथ की गई मारपीट और गलौच का बदला लेने के लिए युवक ने बड़े भाई को पीट पीटकर मौत के घाट उतार दिया। बड़े भाई ने पिछले माह बहन के साथ गाली गलौच कर डंडे से सिर फोड़ दिया था। उसी बात का बदला लेने के भूपेंद्र अपने बड़े भाई को शराब पिलाने के बहाने खेत में ले गया। पहले डटकर शराब पिलाई और फिर डंडे से सिर पर वार कर मौत के घाट उतार दिया। पिता की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर हत्यारोपी को जेल भेज दिया है।

मुकीमपुर गांव में सोहनपाल अपनी पत्नी कुसम के साथ रहते हैं। सोहनपाल के दो बेटे थे। बड़ा 40 वर्षीय पुष्पेंद्र और छोटा 38 वर्षीय भूपेंद्र। पुष्पेंद्र और भूपेंद्र के बीच अक्सर विवाद होता था, इसलिए भूपेंद्र काफी समय से अपनी बहन रिंकी के साथ मेरठ जनपद के छज्जूपुर गांव में रहने लगा। आरोप है कि पुष्पेंद्र रिंकी से नाराज रहने लगा। जून में रिंकी और भूपेंद्र अपने गांव मुकीमपुर आए तो पुष्पेंद्र ने रिंकी से गाली गलौच की और डंडे से वार कर सिर फोड़ दिया। भूपेंद्र ने विरोध किया तो उसके साथ भी गाली गलौच की और भाई -बहन को धक्के मारकर घर से निकाल दिया। पूछताछ के दौरान हत्या‌भियुक्त भूपेंद्र ने पुलिस को बताया कि जिस दिन पुष्पेंद्र ने बहन रिंकी के साथ मारपीट की थी और विरोध करने पर बहन-भाई को घर से निकाल दिया था, मैनें उस दिन बदला लेने की कसम खा ली थी। इतना ही बदला लेने का तरीका भी तय लिया था कि बहन का बदला लेने के सिर फोड़कर ही हत्या करूंगा। सोमवार शाम को भूपेंद्र छज्जूपुर से अपने गांव मुकीम पर पहुंचा। उसने पहले से ही बाइक पर डंडा बांधकर रखा था। शराब पीने के आदी पुष्पेंद्र को शराब पीने के बहाने खेत पर ले गया। खूब शराब पिलाई। उसके नशे में धुत होने पर बाइक में बंधे डंडे से पुष्पेंद्र के सिर पर कई वार कर डाले और मरणासन्न हालत में छोड़कर फरार हो गया।

ग्रामीण ने लहूलुहान पड़े देख पुलिस को फोन किया
आपको याद होगा कि मई माह इंदिरापुरम स्थित साया सोसायटी में एक साथ सैकड़ों लोग बीमार पड़ गए थे। स्वास्थ्य विभाग को सोसायटी में कई दिन तक कैंप करना पड़ा था। पानी की जांच कराने पर पता चला था कि लोगों को मिल रहा पेयजल सीवर ‌के साथ मिक्स होने का कारण दूषित हो रहा था। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सोसायटी से पानी के नमूने लेकर लगातार जांच कराई थी। इसीलिए मई माह के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिए लिए गए नमूनों की संख्या सर्वाधित 373 रही। इनमें से 162 नमूने फेल हो गए थे।

स्वास्थ्य विभाग लगातार करता है मॉनी‌टरिंग
गाजियाबाद के जिला सर्विलांस अधिकारी डा. आरके गुप्ता का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग पेयजल को लेकर लगातार मॉनीटरिंग करता है। इसके साथ ही पेयजल को लेकर लगातार सतर्कता बरतने की सलाह आमजन को दी जाती है। पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए बीच-बीच में पानी के नमूने एकत्र कर जांच के लिए भेजे जाते हैं। जांच में पानी की गुणवत्ता सही न पाए जाने पर विभाग की ओर से नोटिस जारी किया जाता है। साथ ही संबंधित विभाग को कार्रवाई के ल‌िए भी लिखा जाता है।

सीएमओ बोले
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर का कहना है कि पीने की पानी की गुणवत्ता सही न होने पर पेट संबंधी तमाम बीमारियां हो सकती हैं। डायरिया जैसा संक्रामक रोग होने का सबसे बड़ा कारण दूषित पेयजल ही है। इसलिए पानी की गुणवत्ता के साथ कतई समझौता न करें। बेहतर हो कि पीने के पानी को अच्छे से उबाल लें और उसे अच्छे छानकर ही पिएं। कोई तकलीफ होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डाक्टर से परामर्श लें।

पांच माह में यह रही जांच की स्थिति
माह नमूने फेल
जून 113 25
मई 373 162
अप्रैल 162 21
मार्च 106 18
फरवरी 166 28

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