MSME संगठनों के फोरम A-20 की बैठक संपन्न, देश की GDP वृद्धि और 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी लक्ष्य पर फोकस
रिपोर्ट: हेमंत कुमार
देश की अर्थव्यवस्था में MSMEका कृषि क्षेत्र के बाद सबसे बड़ा योगदान है। MSMEक्षेत्र देश की जीडीपी में 30% और कल निर्यात में लगभग 45% का योगदान दे रहा है। इसके अतिरिक्त लगभग 11 करोड़ लोगों को सीधे रोजगार भी प्रदान कर रहा है। इस क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार तथा विभिन्न राज्य सरकारें भी अनेक प्रोत्साहन योजनाएं बना रही है। इसी प्रकार देश के विभिन्न राज्यों में अनेक MSMEसंगठन भी इस क्षेत्र के विकास एवं सहायता के लिए कार्य कर रहे हैं। इन सभी प्रयासों में एकरूपता लाने तथा MSME के लिए प्रभावी नीतियां बनाने के उद्देश्प से इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने देश की विभिन्न प्रमुख MSME संगठनों को एक साथ लाने के लिए A20 की परिकल्पना की जिसके अंतर्गत आज तक 17 प्रमुख MSME औद्योगिक संगठन जुड़ चुके हैं। A20 फोरम की पहली बैठक का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर नई दिल्ली में PUSA कैंपस में आयोजित की गई जिसमें MSMEके उत्थान हेतु निम्नलिखित पांच प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई
1. एक समान भूमि नीति – लीज होल्ड भूमि को फ्रीहोल्ड में परिवर्तित करना
2. विनिर्माण में आसानी
3. राष्ट्रीय एमएसएमई नीति
4. एमएसएमई के लिए सरकारी खरीद नीति
5. सरकारी विभाग से एमएसएमई के विलंबित भुगतान के लिए एमएसई सुविधा परिषद की प्रभावशीलता
बैठक की अध्यक्षता A20 फोरम के कन्वीनर एवं आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नीरज सिंघल द्वारा की गई। आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नीरज सिंघल ने बताया कि A20 Joint Forum का मुख्य उद्देश्य एक विचार एक आवाज के साथ पूरे देश के MSME के विकास के लिए कार्य करना है। देश की GDP ग्रोथ में MSME की भूमिका पर A 20 JointForum के माध्यम से केन्द्र सरकार से Easeof doing manufacturing के लिए पालिसी रिफार्म की आवश्यकता बताई, जिससे देश के 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के संकल्प को पूरा करने में MSMES का योगदान बढ़ाया जा सके।