मनोरंजन

Baby John Review: वरुण धवन की खराब फिल्म और साउथ मसाला का भारी प्रभाव

वरुण धवन की फिल्म 'बेबी जॉन' में कमजोर कहानी और साउथ सिनेमा के अत्यधिक मसाले का असर दिखता है। जानें फिल्म की समीक्षा, परफॉर्मेंस और कमजोरियों के बारे में।

Baby John Review: वरुण धवन की खराब फिल्म और साउथ मसाला का भारी प्रभाव

Baby John Review:  फिल्म ‘बेबी जॉन’ का नाम सुनकर दर्शकों को इस फिल्म से कई उम्मीदें थीं, लेकिन जब पर्दे पर यह फिल्म आई तो यह निराशाजनक साबित हुई। वरुण धवन जैसे बड़े अभिनेता की फिल्म होने के बावजूद, यह सिनेमा की दुनिया में अपना प्रभाव छोड़ने में नाकाम रही। फिल्म की कहानी, निर्देशन, और अभिनय की कमी ने इसे एक औसत फिल्म बना दिया। फिल्म में साउथ सिनेमा के तत्वों की भरमार है, जिससे यह पूरी तरह से एक साउथ मसाला फिल्म जैसी महसूस होती है।

Baby John Review:  कहानी: मुंबई के डीसीपी से केरल के बेकरी मालिक तक

Baby John Review:   फिल्म की कहानी मुंबई के डीसीपी सत्या वर्मा (वरुण धवन) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी मां और प्रेमिका (कीर्ति सुरेश) से जुड़ी समस्याओं का सामना करता है। डीसीपी का जीवन काफी संघर्षपूर्ण है, और फिल्म की शुरुआत में ही वह अपनी मां और प्रेमिका से जुड़ी दुविधाओं में फंसा होता है।

वह एक डॉक्टर से शादी करने की योजना बनाता है, लेकिन उसकी ससुराल के लोग पुलिस से नफरत करते हैं। इसके बाद फिल्म में उसे केरल में एक बेकरी वाले के रूप में दिखाया जाता है, जो उसकी पिछली जिंदगी से जुड़े कुछ राजों को उजागर करता है। इस फिल्म की कहानी ‘थेरी’ फिल्म से प्रेरित है, जो तमिल फिल्म है और पहले ही हिंदी में डब होकर टीवी चैनलों पर कई बार प्रसारित हो चुकी है।

Baby John Review:  निर्देशन और पटकथा: सबसे कमजोर कड़ी

फिल्म का निर्देशन और पटकथा दोनों ही इसकी सबसे कमजोर कड़ी हैं। कालीस का निर्देशन साउथ सिनेमा की शैली में पूरी तरह से प्रभावित है, लेकिन यह हिंदी सिनेमा के दर्शकों के लिए बहुत ही उबाऊ और साधारण लगता है। फिल्म की गति बहुत धीमी है, और कहानी में उतना दम नहीं है कि वह दर्शकों को स्क्रीन पर बांध सके। शुरू में फिल्म की कहानी थोड़ा आकर्षक लगती है, लेकिन जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, इसकी गति और प्रभाव दोनों ही कमजोर होते जाते हैं।

फिल्म की पटकथा भी बहुत ही साधारण है और उसमें कोई खास मोड़ या नयापन नहीं है। कीर्ति सुरेश का किरदार फिल्म में बहुत ही कमजोर है, और उनके आने से फिल्म लड़खड़ाती हुई महसूस होती है। वह अपनी भूमिका में पूरी तरह से फिट नहीं बैठ पाई हैं और उनके अभिनय से यह पता चलता है कि उन्हें हिंदी सिनेमा में आने से पहले और अधिक तैयारी की आवश्यकता थी।

Baby John Review: वरुण धवन ने एक्शन से किया इंप्रेस, बड़े बजट की एंटरटेनिंग  फिल्म है बेबी जॉन | Baby John review varun dhawan impresses with his action

Baby John Review:  अभिनय: वरुण धवन और अन्य कलाकार

वरुण धवन ने अपने किरदार में पूरी तरह से मेहनत की है, लेकिन उनका अभिनय बहुत ही साधारण है। वह अपनी चिर-परिचित मुस्कान और एक्टिंग से बाहर नहीं निकल पाए हैं, जो उनके करियर को आगे बढ़ाने में मददगार हो सकता था। इस फिल्म में उन्होंने एक्शन के साथ प्रयोग करने की कोशिश की है, लेकिन वह इस जॉनर में पूरी तरह से फिट नहीं बैठते। अगर वह गंभीर मुद्राओं में एक्शन फिल्मों की ओर रुख करें तो उनका करियर लंबा हो सकता है, लेकिन इसके लिए उन्हें अपनी छवि से बाहर निकलकर कुछ नया करने की आवश्यकता होगी।

वरुण धवन की अपकमिंग फिल्म बेबी जॉन का टीजर रिलीज, धांसू एक्शन से भरी है  फिल्म, खतरनाक है लुक - India TV Hindi

कीर्ति सुरेश का हिंदी डेब्यू अच्छा नहीं रहा। उनका अभिनय इतना प्रभावी नहीं था और फिल्म में उनका किरदार बहुत कमजोर था। इसके अलावा, सहायक कलाकारों के रूप में राजपाल यादव और शीबा चड्ढा ने अच्छा काम किया है। राजपाल यादव ने अपने क्रू कट लुक में दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया, और शीबा चड्ढा भी अपने किरदार में प्रभावी रही हैं।

जैकी श्रॉफ का विलेन के रूप में लुक बहुत ही खराब था। उनकी उम्र और संवाद अदायगी से फिल्म में उनका प्रभाव कमजोर हो गया है। उन्हें बेहतर तरीके से प्रस्तुत किया जा सकता था, लेकिन फिल्म में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं था।

Baby John Review:  तकनीकी पक्ष: संगीत, सिनेमैटोग्राफी और संपादन

Baby John Review:   फिल्म का तकनीकी पक्ष भी बहुत खास नहीं रहा। बैकग्राउंड म्यूजिक और सिनेमैटोग्राफी औसत स्तर की थी, जिससे फिल्म में कोई खास तकनीकी दम नहीं था। एस थमन का संगीत भी बहुत प्रभावी नहीं था, जो दर्शकों को बांध सके। सिनेमैटोग्राफी में भी कुछ खास नहीं था, और फिल्म की दृश्यात्मकता बहुत ही साधारण थी।

एडिटिंग में भी काफी कमी थी। फिल्म की लंबाई दो घंटे चालीस मिनट थी, जो काफी लंबी है। यदि इसे 40 मिनट छोटा किया जाता तो फिल्म में गति आती और दर्शकों का ध्यान बन रहता। एडिटर रूबेन ने जो संपादन किया है, वह बहुत ही औसत था।

Baby John Review:  निष्कर्ष: क्या देखनी चाहिए ‘बेबी जॉन’?

फिल्म ‘बेबी जॉन’ एक ऐसी फिल्म है जिसे देखना समय की बर्बादी जैसा हो सकता है, खासकर अगर आपने पहले ही ‘थेरी’ देखी हो। वरुण धवन और अन्य कलाकारों का अभिनय काफी कमजोर था, और फिल्म का निर्देशन और पटकथा भी निराशाजनक थी। साउथ सिनेमा के मसाले की भरमार ने फिल्म को और भी उबाऊ बना दिया। अगर आप साउथ सिनेमा के शौकीन हैं और मसालेदार एक्शन फिल्में पसंद करते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए हो सकती है, लेकिन हिंदी सिनेमा के दर्शकों के लिए यह एक निराशाजनक अनुभव साबित हो सकती है।

Read More: Faridabad: फरीदाबाद में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया गया, उपभोक्ताओं को जागरूक किया गया

Related Articles

Back to top button