Dr. Mansukh Mandaviya: “डॉ. मनसुख मांडविया की नई इंटर्नशिप नीति: अगली पीढ़ी के खेल पेशेवरों को मिलेगा व्यावहारिक अनुभव”

Dr. Mansukh Mandaviya: “डॉ. मनसुख मांडविया की नई इंटर्नशिप नीति: अगली पीढ़ी के खेल पेशेवरों को मिलेगा व्यावहारिक अनुभव”
नई दिल्ली, 24 दिसम्बर: युवा प्रतिभाओं को निखारने और भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाने के लिए युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय (एमओवाईएएस) ने अपने स्वायत्त निकायों के लिए एक व्यापक इंटर्नशिप नीति लागू की है। यह नीति कॉलेज और विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को हर साल कुल 452 इंटर्नशिप प्रदान करेगी, जिससे उन्हें खेलों से जुड़े शासन, प्रशासन और अन्य पेशेवर क्षेत्रों का सीधा अनुभव प्राप्त होगा।
केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह नीति युवा प्रतिभाओं को भारत की खेल यात्रा में सार्थक योगदान देने के लिए सशक्त बनाएगी। उन्होंने बताया कि इस इंटर्नशिप कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को खेल प्रशासन और प्रबंधन से जुड़े व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होगा, जिससे उन्हें खेलों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में भागीदारी का अवसर मिलेगा।
इंटर्नशिप कार्यक्रम में खेल प्रबंधन, खेल विज्ञान, प्रतियोगिता संचालन, मीडिया एवं संचार, कानूनी मामलों, आईटी प्रणाली, अंतरराष्ट्रीय खेल प्रशासन और डोपिंग-रोधी कार्य जैसे 20 महत्वपूर्ण कार्यात्मक क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत प्रतिभागियों को केवल अध्ययन का मौका नहीं मिलेगा, बल्कि वास्तविक परियोजनाओं में योगदान करने का भी अवसर मिलेगा।
नई नीति के अनुसार, एमओवाईएएस के स्वायत्त निकाय जैसे भारतीय खेल प्राधिकरण (साई), राष्ट्रीय डोप-रोधी एजेंसी (नाडा) और राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) हर वर्ष 452 इंटर्नशिप प्रदान करेंगे। इससे राष्ट्रीय खेल नीति और खेलो भारत नीति 2025 के उद्देश्यों को साकार करने में मदद मिलेगी और खेलों के क्षेत्र में पेशेवर कौशल विकसित करने वाले युवाओं की संख्या बढ़ेगी।
इंटर्नशिप के लिए आवेदन प्रतिवर्ष जनवरी और जुलाई में ऑनलाइन किए जा सकेंगे। इस प्रक्रिया के तहत उम्मीदवारों को चयनित करने में योग्यता, रुचि और क्षेत्रीय जरूरतों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस नीति के लागू होने से देश के खेल प्रशासन में पारदर्शिता, व्यावसायिक दक्षता और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
डॉ. मांडविया ने कहा कि यह कदम भारतीय खेलों के भविष्य को सशक्त बनाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और यह सुनिश्चित करेगा कि आने वाली पीढ़ी के खेल पेशेवर सिर्फ खेल तकनीक में ही माहिर न हों, बल्कि खेल प्रशासन और नीति निर्माण में भी नेतृत्व क्षमता विकसित करें।
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