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डिजिटल अरेस्ट कर 52 लाख ठगी के मामले में एक गिरफ्तार

डिजिटल अरेस्ट कर 52 लाख ठगी के मामले में एक गिरफ्तार

अमर सैनी

नोएडा। साइबर अपराध थाना पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट कर खुद को ट्राई का कर्मचारी बताकर मनी लॉड्रिंग का डर दिखाकर 52 लाख 50 हजार की ठगी करने के मामले में एक आरोपी को हाथरस के पटा चौराहे के पास से गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान जमुना प्रसाद रावत के रूप में हुई। उसने पुलिस को एक अन्य आरोपी का नाम बताया है। उसकी तलाश की जा रही है। साइबर सेल की एडीसीपी प्रीति यादव ने बताया कि सेक्टर-20 निवासी जयराज शर्मा ने 29 अगस्त को साइबर अपराध थाने में शिकायत की थी कि साइबर ठग ने खुद को ट्राई का कर्मचारी बनकर उसके मोबाइल एवं आईडी का प्रयोग मनी लांड्रिंग में किए जाने डर दिखाया। इसके बाद कहा कि इसकी जांच साइबर क्राइम मुंबई द्वारा की जा रही है। इससे वह डर गए। साइबर अपराधी ने बताया कि इस केस की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की जा रही है। जिस पर वादी को स्काई ऐप डाउनलोड कराकर वीडियो काल करके डिजिटल कस्टडी में लिया गया। जांच आरबीआई द्वारा किए जाने की बात बताकर पीड़ित से आरटीजीएस, आइएमपीएस आदि माध्यम से 52 लाख 50 हजार रुपये जांच के नाम पर फर्जी बैंक खाते में जमा करा दिए। इसके लिए पीड़ित ने लोन भी लिया। साइबर अपराधियों द्वारा पैसा जिस खाते में ट्रांसफर कराया गया, उस खाते को आरबीआई का एसएसए (सेक्रेट सुपरविजन अकाउंट) खाता बताया गया। पुलिस ने जांच के बाद साक्ष्यों के आधार पर आरोपी जमुना प्रसाद रावत को जिला हाथरस से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसके द्वारा बताया गया कि वह फर्जी बैंक खाते तैयार कराकर अपने साथी हाथरस निवासी भोले को किराए पर देता था। आरोपी के खाते में पीड़ित के खाते से दो लाख रुपए आए। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दो लाख 59 हजार रुपए फ्रीज कराए, जिन्हें न्यायालय के आदेश से वादी को वापस कराने का प्रयास किया जाएगा। उसके साथियों की तलाश की जा रही है।

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