Delhi: नालों की सफाई में भारी लापरवाही, मानसून से पहले न्यू अशोक नगर में जलभराव का खतरा

Delhi: नालों की सफाई में भारी लापरवाही, मानसून से पहले न्यू अशोक नगर में जलभराव का खतरा
रिपोर्ट: रवि डालमिया
पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर क्षेत्र में नालों की सफाई को लेकर स्थिति गंभीर बनी हुई है। दिल्ली सरकार और नगर निगम द्वारा मानसून से पहले सफाई कार्य पूरे करने के दावों के बावजूद जमीनी हकीकत बेहद निराशाजनक है। क्षेत्र में कई जगहों पर नाले कचरे और गंदगी से भरे पड़े हैं, जिनकी सफाई महीनों से नहीं हुई। कुछ जगहों पर तो नाले पूरी तरह रोड पर बह रहे हैं, जिससे राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली सरकार जहां बार-बार यह दावा कर रही है कि 15 जून तक सभी नालों की सफाई का काम पूरा कर लिया जाएगा, वहीं स्थानीय लोग इसे सिर्फ दिखावा करार दे रहे हैं। लोगों का आरोप है कि सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। अधिकारी मौके पर जाना जरूरी नहीं समझते और ठेकेदार मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं।
पिछले वर्ष की मानसूनी बारिश की वजह से कॉलोनियों में जलभराव और गंदगी से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। बावजूद इसके इस बार भी नगर निगम और पीडब्ल्यूडी विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। लोगों को डर सता रहा है कि यदि समय रहते सफाई का काम सही ढंग से नहीं किया गया तो इस बार भी हालात और बिगड़ सकते हैं।
दिल्ली नगर निगम ने इस वर्ष जलभराव की समस्या से निपटने के लिए 39 करोड़ रुपये का बजट तय किया है, लेकिन उसकी जमीनी स्थिति साफ बताती है कि यह पैसा कहां और कैसे खर्च हो रहा है, यह जांच का विषय है। इस राशि से नालों की समय पर और गहराई से सफाई होनी चाहिए थी, लेकिन अभी भी अधिकांश गलियों में नालियां कचरे और कीचड़ से जाम हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें बार-बार शिकायत करने के बावजूद न तो निगम पार्षद सफाई के दौरान दिखाई दिए और न ही क्षेत्रीय विधायक। सफाई कर्मचारी और ठेकेदार पूरी तरह मनमानी करते दिख रहे हैं। नालों की सफाई के लिए बड़ी-बड़ी मशीनें जरूर लगाई गई हैं, लेकिन इनके आसपास कोई सुरक्षा प्रबंध नहीं है, जिससे दुर्घटना की आशंका लगातार बनी हुई है।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि कई जगहों पर मशीनों के चलते बच्चों और बुजुर्गों को रास्ता पार करना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में यह लापरवाही किसी बड़े हादसे को जन्म दे सकती है।
लोगों की चिंता सिर्फ सफाई की नहीं, बल्कि स्वास्थ्य से जुड़ी भी है। खुले में बहते नालों से उठती बदबू, मच्छरों का प्रकोप और जलभराव की आशंका से इलाके में बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। यह लापरवाही न सिर्फ प्रशासनिक विफलता को उजागर करती है, बल्कि भविष्य में मानसून के दौरान एक बड़ी आपदा का संकेत भी दे रही है।
स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि प्रशासन जल्द से जल्द क्षेत्रीय निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करे, नहीं तो मजबूरन उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। मानसून आने में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है और अगर इसी तरह की अनदेखी जारी रही तो न्यू अशोक नगर की गलियां फिर से जलमग्न हो सकती हैं।