Delhi: दिल्ली में गोपाष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया, कई नामचीन संत भी रहे उपस्थित
रिपोर्ट: रवि डालमिया
दिल्ली में गोपाष्टमी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, और इस दिन भगवान कृष्ण के साथ गाय और बछड़ों की पूजा की जाती है। इस अवसर पर सिद्ध पीठ श्री सीताराम संतसेवा मन्दिर एवं गौशाला, पुरानी अनारकली, जगतपुरी में महामंडलेश्वर श्री राम गोविन्द दास महात्यागी जी महाराज के सानिध्य में विशेष पूजा आयोजित की गई। इस धार्मिक आयोजन में वृंदावन के महान संत गौ सेवक श्री श्री 1008 श्री भागवत मुनि (फलाहारी बाबा) जी महाराज, राजीव शर्मा और अन्य भक्तजन भी उपस्थित रहे।
गोपाष्टमी की धार्मिक महिमा
महामंडलेश्वर श्री राम गोविन्द दास महात्यागी जी महाराज ने बताया कि गोपाष्टमी का पर्व विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण के गायों के साथ प्रेम और उनकी पूजा की भावना से जुड़ा हुआ है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्री कृष्ण ने गायों के साथ पहली बार गोचारण शुरू किया था, और तभी से यह दिन गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाने लगा। श्रीमदभागवत में उल्लेखित है कि भगवान श्री कृष्ण गायों से अत्यधिक प्रेम करते थे और उनका साथ बहुत पसंद करते थे।
गायों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता
गोपाष्टमी के दिन लोग गायों के प्रति अपनी कृतज्ञता और सम्मान का प्रदर्शन करते हैं, और मान्यता है कि गाय में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास होता है। गायों की पूजा करने से जीवन में नवग्रहों के दोष दूर होते हैं और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। इस दिन विशेष रूप से गायों की सेवा करने और उनकी पूजा करने की परंपरा है, जो सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।