Delhi: DDA शालीमार बाग में विरासत संरचनाओं और शीशमहल का उद्घाटन, दिल्ली में नई कार्यसंस्कृति की मिसाल पेश

Delhi: DDA शालीमार बाग में विरासत संरचनाओं और शीशमहल का उद्घाटन, दिल्ली में नई कार्यसंस्कृति की मिसाल पेश
दिल्ली के शालीमार बाग में डीडीए द्वारा पुनर्निर्मित विरासत संरचनाओं और शीश महल के लोकार्पण के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें उपराज्यपाल वीके सक्सेना, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल सहित कई गणमान्य अतिथियों ने शिरकत की। इस कार्यक्रम में शालीमार बाग क्षेत्र में ऐतिहासिक महत्व की विरासत संरचनाओं को संरक्षित और सुंदर रूप में पुनर्स्थापित किए जाने की दिशा में डीडीए की पहल को सराहा गया। उद्घाटन के दौरान मुख्य आकर्षण शीशमहल रहा, जिसे अब आम जनता के लिए समर्पित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने संबोधन में पूर्ववर्ती सरकारों पर कटाक्ष करते हुए कहा, “वो शीशमहल जो पूर्व मुख्यमंत्री ने दिल्ली की जनता की कमाई के पैसे से खुद के ऐशो-आराम के लिए बनवाया था, और एक यह शीशमहल है जो जनता को समर्पित है। यही फर्क है पहले की सरकारों में और आज की सरकार की कार्यप्रणाली में।” रेखा गुप्ता के इस बयान को दिल्ली की वर्तमान सरकार की ‘जनकल्याणकारी’ नीतियों और पारदर्शी कार्यशैली की ओर संकेत माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजधानी के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का पुनर्निर्माण और संरक्षण सिर्फ धरोहरों को बचाने का कार्य नहीं है, बल्कि यह जनता को उनकी गौरवशाली विरासत से जोड़ने का प्रयास भी है।
कार्यक्रम में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भी इस पहल की सराहना की और कहा कि दिल्ली को उसकी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने के लिए ऐसी परियोजनाएं बेहद जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि विकास और विरासत का संतुलन आज की सरकार का मूल मंत्र बन गया है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने भी इस मौके पर डीडीए की इस पहल को सराहते हुए इसे ‘नई दिल्ली की बदलती तस्वीर’ का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि जनता के लिए खुले, सुंदर और ऐतिहासिक स्थलों की संख्या जितनी बढ़ेगी, दिल्ली उतनी ही विश्व स्तर पर एक सशक्त सांस्कृतिक राजधानी बनकर उभरेगी।
डीडीए की ओर से बताया गया कि शीशमहल और अन्य विरासत संरचनाएं अब नियमित रूप से आम जनता के लिए खोली जाएंगी और इन स्थलों पर सफाई, सुरक्षा और देखरेख की जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई है। साथ ही, आने वाले समय में और भी कई ऐतिहासिक स्थलों को इसी तर्ज पर पुनर्जीवित किया जाएगा।
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