
Robert Vadra: हरियाणा के शिकोहपुर भूमि सौदे मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ की। वाड्रा ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया और कहा, “मैं न डरता हूं, न दबता हूं।”
Robert Vadra से हरियाणा जमीन सौदे में ईडी की पूछताछ
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और कारोबारी Robert Vadra से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को हरियाणा के शिकोहपुर भूमि सौदे मामले में पूछताछ की। यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है। वाड्रा ने पूछताछ के बाद बयान दिया कि यह पूरी कार्रवाई एक राजनीतिक प्रतिशोध है और वह इससे डरने वाले नहीं हैं।
क्या है शिकोहपुर भूमि सौदे का मामला?
इस केस में ईडी का आरोप है कि Robert Vadra की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने फरवरी 2008 में गुड़गांव के शिकोहपुर में 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी और बाद में इसे DLF को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया। ईडी इसे अवैध वित्तीय लेनदेन और धनशोधन की श्रेणी में रख रही है।
Robert Vadra ने पैदल पहुंचकर दिया संदेश
56 वर्षीय वाड्रा ने अपने सुजान सिंह पार्क स्थित आवास से ईडी ऑफिस (एपीजे अब्दुल कलाम रोड) तक लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पैदल तय की। उन्होंने कहा, “मैं न किसी से डरता हूं और न ही दबाव में आने वाला हूं। मुझे कुछ भी छिपाने की जरूरत नहीं है।”
“राजनीतिक प्रतिशोध है”: Robert Vadra
ईडी ऑफिस के बाहर पत्रकारों से बातचीत में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा:
“यह कुछ और नहीं बल्कि राजनीतिक प्रतिशोध है। जब भी मैं अल्पसंख्यकों या देश के हित में बोलता हूं, सरकार मुझे रोकने की कोशिश करती है। मुझे फंसाने की कोशिश की जा रही है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि उन्होंने 23000 दस्तावेज़ पहले ही जमा किए हैं और हर बार ईडी के साथ पूरा सहयोग किया है।
राजनीति में आने की इच्छा दोहराई
Robert Vadra ने हाल ही में यह कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी चाहती है, तो वे परिवार के आशीर्वाद से राजनीति में प्रवेश करेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें लोगों का भरपूर प्यार मिलता है और जब भी वे राजनीति की बात करते हैं, सरकार उनके खिलाफ पुराने मामलों को उछाल देती है।
पिछली पूछताछ और ईडी की कार्रवाई
-
Robert Vadra को ईडी ने 8 अप्रैल को समन भेजा था, लेकिन वे उस दिन उपस्थित नहीं हो सके थे।
-
यह दूसरी बार था जब उन्हें ईडी ऑफिस बुलाया गया।
-
पूछताछ PMIL अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है।
रॉबर्ट वाड्रा की ईडी में पेशी ने एक बार फिर राजनीति और जांच एजेंसियों के उपयोग को लेकर बहस छेड़ दी है। वाड्रा जहां इसे राजनीतिक साजिश बता रहे हैं, वहीं ईडी इसे वित्तीय अनियमितता की जांच का हिस्सा बता रही है। आने वाले दिनों में यह मामला और गहराने की संभावना है।