उत्तर प्रदेश, नोएडा: फ्लैट खरीदारों को राहत, जल्द होगी रजिस्ट्री
उत्तर प्रदेश, नोएडा: फ्लैट खरीदारों को राहत, जल्द होगी रजिस्ट्री

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा।सेक्टर 50 स्थित मेघदूतम आवास परियोजना के फ्लैट खरीदारों के लिए बड़ी राहत भरी खबर आई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि वह इस परियोजना में फ्लैट रजिस्ट्री की प्रक्रिया को फिर से शुरू करे। यह फैसला उन सभी लोगों के लिए राहत का कारण बनेगा जिन्होंने इस परियोजना में फ्लैट खरीदने के लिए पूरी राशि का भुगतान किया है, लेकिन अब तक उन्हें रजिस्ट्री नहीं मिली थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश दिया। इस फैसले में कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को यह स्पष्ट निर्देश दिया कि वे मेघदूतम परियोजना में फ्लैट खरीदारों को रजिस्ट्री देने की प्रक्रिया को शीघ्र आगे बढ़ाएं। इससे पहले, 19 फ्लैट खरीदारों ने एक याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने 15 जनवरी को एक अंतरिम आदेश जारी किया था। इस आदेश में कहा गया कि 2008 में जारी अधिभोग प्रमाणपत्र के आधार पर फ्लैट रजिस्ट्री की जाए। इसका मतलब यह है कि जिन खरीदारों ने पूरे पैसे चुका दिए हैं और उन्हें अधिभोग प्रमाणपत्र भी मिल चुका है, उन्हें अब उनके फ्लैटों पर कब्जा मिलेगा।
टीजीबी इंफ्रा डेवलपर्स को दिया आदेश
कोर्ट ने फ्लैट के बिल्डर, टीजीबी इंफ्रा डेवलपर्स से भी बकाया राशि की वसूली की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का आदेश दिया। यह बिल्डर अब तक फ्लैट परियोजना को पूरा नहीं कर पाया है और इसके कारण फ्लैट खरीदारों को रजिस्ट्री नहीं मिल पाई थी। टीजीबी इंफ्रा डेवलपर्स के निदेशक अनिल कुमार साहा वर्तमान में जेल में हैं और उनके द्वारा बकाया राशि चुकाने की स्थिति में नहीं होने की जानकारी दी गई है।
बकाया चुकाने की स्थिति में नहीं बिल्डर
इस पर कोर्ट ने कहा कि यह बिल्डर के पास बकाया राशि की वसूली के लिए कई अवसर थे। साथ ही, टीजीबी इंफ्रा के अन्य निदेशकों का भी अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। हालांकि, अनिल कुमार साहा के वकील ने यह तर्क दिया कि वह वर्तमान में रकम चुकाने की स्थिति में नहीं हैं, जिस पर कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किया।
मेघदूतम परियोजना की वर्तमान स्थिति
इस परियोजना में कुल 173 फ्लैट्स हैं, जिनमें से अधिकांश को खरीदारों द्वारा पहले ही खरीद लिया गया था। यह परियोजना 2008 में टीजीबी इंफ्रा डेवलपर्स को आवंटित की गई थी, लेकिन इसके बाद परियोजना में कई तरह की देरी और विवाद सामने आए। शुरू में इस परियोजना पर बकाया राशि 55.3 करोड़ रुपये थी, लेकिन दो साल बाद यह राशि घटकर 43.7 करोड़ रुपये हो गई, क्योंकि इस पर कोई छूट नहीं दी गई थी।
खरीदारों को मिलेगी राहत
इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश से उन खरीदारों को राहत मिलेगी जिन्होंने इस परियोजना के लिए अपनी पूरी राशि चुका दी थी, लेकिन किसी न किसी कारणवश उन्हें अब तक अपने फ्लैट पर कब्जा नहीं मिला था। कोर्ट के आदेश से यह भी स्पष्ट हुआ कि अब उन्हें रजिस्ट्री और कब्जा प्राप्त होगा, जिससे वे अपने घर में शिफ्ट हो सकेंगे। इस फैसले के बाद, यह उम्मीद जताई जा रही है कि नोएडा प्राधिकरण और टीजीबी इंफ्रा डेवलपर्स दोनों ही इस मामले में तेजी से कदम उठाएंगे और फ्लैट खरीदारों को उनके घरों में प्रवेश की सुविधा मिलेगी।
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