
नई दिल्ली, 17 सितम्बर: 60 वर्ष से अधिक आयु के मरीजों के लिए सफदरजंग अस्पताल में जेरियाट्रिक केयर वार्ड की स्थापना की गई है जिसका उद्घाटन चिकित्सा अधीक्षक डॉ वंदना तलवार ने मंगलवार को किया।
दरअसल, देश में बुजुर्ग आबादी की संख्या में वृद्धि के मद्देनजर जेरियाट्रिक चिकित्सा की मांग में लगातार इजाफा हो रहा है, जिसके तहत एम्स दिल्ली के जेरियाट्रिक चिकित्सा ब्लॉक में बुजुर्गों को विशेष उपचार की सुविधा मुहैया कराई जाती है। अब बुजुर्गों को सफदरजंग अस्पताल में भी जेरियाट्रिक चिकित्सा की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए मेडिसिन विभाग में जेरियाट्रिक केयर वार्ड बनाया गया है जिसमें 17 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है।
इस अवसर पर डॉ वंदना तलवार ने बताया कि जेरियाट्रिक चिकित्सा में बुजुर्गों की देखभाल पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। क्योंकि बुजुर्गों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। उम्र के साथ, मानव शरीर अलग तरह से व्यवहार करना शुरू कर देता है और मानक उपचार व दवाएं अक्सर अप्रभावी साबित होती हैं। ऐसे में यह विशेष सुविधा बुजुर्गों की अनूठी चिकित्सा जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में 5 एम महत्वपूर्ण हैं, जिसमें माइंड, मोबिलिटी, मेडिकेशन्स, मल्टी कम्प्लेक्सिटी और मेंटल हेल्थ मरीज के लिए क्या मायने रखता है।
वहीं मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ वाईसी पोरवाल ने बताया कि जेरिएट्रिक केयर वार्ड में उम्र से संबंधित स्थितियों, फिजियोथेरेपी, व्यावसायिक चिकित्सा और मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए विशेष उपचार प्रदान किए जाते हैं। इसे चिकित्सा प्रौद्योगिकी से सुसज्जित तथा अनुभवी जेरियाट्रिशियन, नर्स और बुजुर्गों की देखभाल में प्रशिक्षित सहायक कर्मचारियों द्वारा संचालित किया जाता है। जेरिएट्रिक यूनिट के प्रभारी डॉ अश्विनी ने कहा कि यह दिल्ली में सिर्फ़ दूसरी समर्पित जेरिएट्रिक केयर यूनिट है।
क्या है जेरियाट्रिक केयर वार्ड?
जेरियाट्रिक केयर वार्ड बुजुर्गों के लिए बनाया गया विशेष वार्ड होता है। इसमें वृद्धावस्था से संबंधित बीमारियों और विकलांगताओं का इलाज किया जाता है। बुजुर्गों को बीपी, शुगर, सांस और दिल से जुड़ी बीमारियों का बेहतर इलाज के साथ-साथ खानपान की भी व्यवस्था की जाती है। यहां तैनात स्टाफ को वृद्ध लोगों के मुद्दों और चिंताओं को समझने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
भारत में बुजुर्ग आबादी
संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्टस के मुताबिक साल 2024 में भारत की कुल आबादी 145 करोड़ होने का अनुमान है। वहीं वृद्ध आबादी के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष ने भारत में 60 साल या उससे ज़्यादा उम्र के बुजुर्गों की संख्या 15 करोड़ 30 लाख होने का अनुमान लगाया है। यह संख्या 2050 तक दोगुने से भी ज्यादा यानी 34 करोड़ 70 लाख तक पहुंच सकती है।