बिल्डर और खरीदार के बीच में नहीं होंगे विवाद, प्रमोटर्स के लिए क्यूआर कोड अनिवार्य
बिल्डर और खरीदार के बीच में नहीं होंगे विवाद, प्रमोटर्स के लिए क्यूआर कोड अनिवार्य
अमर सैनी
नोएडा। उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और ग्राहकों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रमोटर्स और एजेंट्स को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यूपी रेरा ने सभी प्रकार की विज्ञापन सामग्री और प्रचार-प्रसार में रेरा अधिनियम 2016 के प्रावधानों का पालन करने की अनिवार्यता पर जोर दिया है।
रेरा द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि किसी भी परियोजना के प्रचार में परियोजना की रेरा पंजीकरण संख्या, विशिष्ट क्यूआर कोड, रेरा पोर्टल का लिंक, प्रोजेक्ट कलेक्शन अकाउंट नंबर को स्पष्ट और बड़े फॉन्ट में उल्लेखित करना आवश्यक है। जिससे यह आसानी से पठनीय हो। साथ ही प्रमोटर्स यह भी सुनिश्चित करें कि केवल पंजीकृत एजेंट ही उनकी परियोजनाओं को बेच रहे हैं। इन एजेंट्स का रेरा पंजीकरण संख्या भी विज्ञापनों में प्रदर्शित हो। रेरा ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी परियोजनाओं के प्रमोटर्स को अपने कार्यालय, साइट ऑफिस और निर्माण स्थल पर ए 3 साइज़ में फॉर्म सी या पंजीकरण प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि प्रदर्शित करनी होगी। जिससे यह स्पष्ट और दूर से पढ़ी जा सके। इसके अतिरिक्त जो भी प्रचार सामग्री जारी की जाएगी। उसमें परियोजना की रेरा पंजीकरण संख्या और क्यूआर कोड प्रमुखता से दिखाया जाना चाहिए।
यूपी रेरा का यह कदम भावी घर खरीदारों के हित में उठाया गया है। जिससे वे विज्ञापित परियोजनाओं की प्रामाणिकता को आसानी से सत्यापित कर सकें। खरीदार अपने मोबाइल फोन से विज्ञापित क्यूआर कोड को स्कैन करके सीधे रेरा पोर्टल पर परियोजना से संबंधित सभी विवरणों जैसे भूलेख, स्वीकृत मैप, टावर और फ्लोर की जानकारी, नॉन-टावर एरिया की सुविधाएं, प्रस्तावित पूर्णता तिथि और निर्माण की स्थिति को देख सकते हैं।
परियोजना की वित्तीय जानकारी का अनिवार्य प्रकाशन
रेरा ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रमोटर्स को सभी प्रकार की विज्ञापन सामग्री, एलॉटमेंट लेटर और ब्रोशर में प्रोजेक्ट कलेक्शन अकाउंट नंबर का उल्लेख करना होगा। इस अकाउंट में ही खरीदारों द्वारा दी जाने वाली धनराशि जमा की जानी चाहिए। जिससे पारदर्शिता बनी रहे और खरीदारों को धनराशि की सुरक्षा का भरोसा मिल सके। यूपी रेरा ने यह चेतावनी भी दी है कि यदि कोई प्रमोटर या एजेंट इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए बिना पंजीकरण वाली परियोजना का विज्ञापन करता है, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इससे बचने के लिए प्रमोटर्स को रेरा के नियमों का पूर्ण रूप से पालन करना आवश्यक है।