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भारत में 30-40% लिवर कैंसर की वजह फैटी लिवर : डॉ सरीन

-कॉफी का सेवन लिवर से फैट कम करने में मददगार

नई दिल्ली, 27 सितम्बर: भारत में लिवर कैंसर के 100 में से 30-40% मरीजों के लिवर कैंसर के लिए फैटी लिवर जिम्मेदार होता है। फैटी लिवर की समस्या शराब के सेवन से ही नहीं घी, तेल व चिकनाई के ज्यादा सेवन से भी हो सकती है जिसे नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर रोग (एनएएफएलडी) भी कहा जाता है।

यह बातें इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज (आईएलबीएस) के निदेशक डॉ एसके सरीन ने शुक्रवार को एनएएफएलडी के संशोधित परिचालन दिशानिर्देश और प्रशिक्षण मॉड्यूल संस्करण 2.0 के विमोचन के अवसर पर कहीं। उन्होंने फैटी लिवर की समस्या से बचाव के बाबत कहा, अगर आप कॉफी पीने के शौकीन हैं तो आपको लिवर की बीमारी होने की संभावना कम होगी। उन्होंने एक अध्ययन के हवाले से कहा कॉफी व्यक्ति के शरीर में कई ऐसे एंजाइम पैदा करती है जो लिवर से फैट को सिक्रिट करा देते हैं। इसके साथ ही उन्होंने शरीर का वजन कम करने, भोजन में 60 फीसदी अन्नकूट का सेवन करने को भी फायदेमंद बताया। साथ ही ज्यादा मीठे फलों के सेवन से बचने को कहा।

इस अवसर पर डॉ सरीन ने कहा, एनएएफएलडी से संबंधित दोनों दस्तावेजों के परिणाम अगले कुछ वर्षों में दिखाई देंगे। उन्होंने कहा, एनसीडी प्रमुख व्यवहार जोखिम कारकों जैसे तंबाकू का उपयोग (धूम्रपान और धूम्रपान रहित), शराब का उपयोग, खराब आहार की आदतें, अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि और वायु प्रदूषण से दृढ़ता से जुड़े और कारणात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। एनएएफएलडी भारत में लीवर रोग का एक महत्वपूर्ण कारण बनकर उभर रहा है। यह समाज में तेजी से फैल रहा है जो 9% से 32% तक पाया जा रहा रहा है।

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