Banke Bihari Mandir: मथुरा के बांके बिहारी मंदिर की बदल गई टाइमिंग, VIP दर्शन बंद

Banke Bihari Mandir: मथुरा के बांके बिहारी मंदिर की बदल गई टाइमिंग, VIP दर्शन बंद
रिपोर्ट: आकाश जैन
मथुरा स्थित विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी ने गुरुवार को कई बड़े फैसले लिए। इस बैठक में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय VIP दर्शन व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त करने का रहा। अब मंदिर में वीआईपी पर्ची सिस्टम और गैलरी दोनों को हटा दिया जाएगा। समिति ने स्पष्ट किया कि दर्शन में सबसे बड़ी बाधा यही व्यवस्था थी, जिसके चलते आम श्रद्धालुओं को परेशानी होती थी। अब मंदिर में सभी के लिए समान व्यवस्था लागू होगी।
बैठक कलक्ट्रेट सभागार में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अशोक कुमार की अध्यक्षता में हुई, जिसमें कमेटी के चार चुने गए सेवायत और कई प्रशासनिक अधिकारी शामिल रहे। करीब तीन घंटे चली इस बैठक में भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा, मंदिर की संपत्तियों और समय-सारणी पर गहन चर्चा हुई। समिति ने यह भी कहा कि श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश और निकास द्वार अलग-अलग तय होंगे। एसएसपी को तीन दिन के भीतर यह व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
सुरक्षा को लेकर भी समिति सख्त नजर आई। निर्णय लिया गया कि मंदिर में तैनात सभी पुलिसकर्मी और प्राइवेट गार्ड अपने ड्यूटी स्थान से नहीं हटेंगे। यदि ऐसा पाया गया तो कार्रवाई होगी। साथ ही, वर्तमान सिक्योरिटी एजेंसी को हटाकर बेहतर प्राइवेट एजेंसी या रिटायर्ड सैनिकों वाली सिक्योरिटी एजेंसी को लगाया जाएगा। मंदिर भवन और परिसर का IIT रुड़की से स्ट्रक्चरल ऑडिट भी कराया जाएगा ताकि संरचना की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
दर्शन के समय में भी बदलाव किया गया है। गर्मियों में सुबह 7 बजे से 7:15 बजे तक आरती होगी और दर्शन 7:15 से 12:30 बजे तक होंगे। 12:30 से 12:45 तक आरती होगी, जबकि शाम के दर्शन 4:15 से 9:30 बजे तक होंगे और फिर 9:30 से 9:45 तक आरती होगी। सर्दियों में सुबह 8 बजे से 1:30 बजे तक दर्शन रहेंगे और शाम को 4 बजे से 9 बजे तक दर्शन का समय होगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर के बाहर लाइव स्ट्रीमिंग की भी व्यवस्था की जाएगी।
समिति ने मंदिर की चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा 15 दिन में उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। 2013 से 2016 तक का विशेष ऑडिट भी कराया जाएगा। गर्भगृह के पास स्थित तोषक गृह (खजाना) खोलने का भी निर्णय लिया गया है। इसके लिए एक विशेष कमेटी बनाई गई है जिसमें ऑडिटर, सिविल जज, एसीएम वृंदावन, सीओ वृंदावन और एक गोस्वामी प्रतिनिधि शामिल होंगे। खजाना खोलने की पूरी प्रक्रिया वीडियोग्राफी के साथ होगी और उसकी रिपोर्ट समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।
बैठक में यह भी विचार किया गया कि मंदिर में लाइन व्यवस्था बनाई जाए ताकि भीड़ को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सके। सेंट्रल एसी लगाने पर भी चर्चा हुई, हालांकि इस पर निर्णय ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद ही लिया जाएगा। इसके अलावा मंदिर प्रबंधन में लगे स्टाफ और उनकी जिम्मेदारियों का भी विवरण जुटाने पर सहमति बनी।
मंदिर परिसर के खाली स्थान पर हुए अधूरे निर्माण और उसमें हुई अनियमितताओं की जांच कराने की भी बात हुई। साथ ही, मंदिर के विकास और सुविधाओं के लिए दान लेने पर भी विचार किया गया, लेकिन इस पर अभी सहमति नहीं बनी है।
हाई पावर कमेटी के इन फैसलों के बाद ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के श्रद्धालुओं को अधिक सुविधा मिलने की उम्मीद है। विशेषकर वीआईपी दर्शन बंद होने से आम भक्तों के लिए निष्पक्ष और सुगम दर्शन व्यवस्था का मार्ग प्रशस्त हुआ है।