नई दिल्ली, 25 अगस्त : वीडियो गेम, ऑनलाइन गेम और मोबाइल फोन के अत्यधिक इस्तेमाल चलते बच्चे मोटापे व अन्य रोगों का शिकार बन रहे हैं। इस समस्या को विभिन्न प्रकार की खेल गतिविधियों के जरिये नियंत्रित किया जा सकता है जिनमें ताइक्वांडो भी शामिल है।
यह बातें एम्स दिल्ली की चिकित्सा अधीक्षक डॉ निरुपम मदान ने रविवार को एम्स परिसर में आयोजित ‘जूनियर ओपन ताइक्वांडो चैम्पियशिप’ समारोह के दौरान कहीं। इस दौरान दिल्ली पुलिस अकादमी के उप निदेशक जितेंद्र मणि त्रिपाठी, एसीपी अजय सिंह और दिव्यांग फेडरेशन एम्स के अध्यक्ष संतदेव चौहान मौजूद रहे।
डॉ निरुपम ने कहा, वीडियो गेम और मोबाइल फोन के ज्यादा प्रयोग से न सिर्फ बच्चों की आंखों पर बुरा असर पड़ता है बल्कि दिमाग की क्षमता कम हो सकती है। अनिद्रा, थकान, कमजोरी और सुस्ती महसूस हो सकती है। आईपीएस त्रिपाठी ने कहा, ताइक्वांडो आत्म विश्वास में इजाफा करने के साथ आत्मरक्षा की कला में भी बढोत्तरी करता है। इस खेल से लड़कियों को विशेष तौर पर जरूर जुड़ना चाहिए ताकि वह विपरीत परिस्थितियों में का आसानी से मुकाबला कर सकें। वहीं, चौहान ने कहा, मौजूदा दौर में हर एक परिवार को प्रण लेना चाहिए कि वह अपने बच्चों को किसी न किसी खेल से जरूर जोड़ेंगे।