नई दिल्ली, 9 सितम्बर : रक्त हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है जिसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। मानव रक्त का कोई विकल्प नहीं है। क्योंकि विज्ञान ने अब तक ऐसी तरक्की नहीं की है, जिससे रक्त बनाया जा सके। हम सभी का कर्तव्य है कि हम समय -समय पर रक्तदान करके समाज की सेवा करते रहें।
यह बातें पंजाब केसरी समूह के संस्थापक अमर शहीद लाला जगत नारायण के 44वें बलिदान दिवस पर समूह निदेशक आरुष चोपड़ा ने सोमवार को नई दिल्ली में कहीं। वह नवोदय टाइम्स के मुख्यालय अंसल भवन, केजी मार्ग पर आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने आगे कहा, रक्तदान वह अमूल्य उपहार है जो मानव ही मानव को दे सकता है। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा, दक्षिणी दिल्ली सांसद रामवीर सिंह विधूड़ी, उत्तर पूर्व दिल्ली सांसद मनोज तिवारी, रोहिणी विधायक विजेंद्र गुप्ता, रोहतास नगर विधायक जितेंद्र महाजन, घोंडा विधायक अजय महावर और पार्षद राजा इकबाल सिंह आदि ने लालाजी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनकी निर्भीक पत्रकारिता को नमन किया। इस दौरान शिविर में बड़ी संख्या में लोगों ने रक्तदान किया। वहीं, एलएनएच ब्लड बैंक के डॉ प्रभा, धर्मपाल रावत और सुरेश यादव आदि ने रक्तदाताओं के स्वास्थ्य की जांच की।
इसके अलावा आर्य समाज मंदिर कीर्ति नगर व स्वयंसेवी संगठन अध्ययन के सहयोग से कीर्तिनगर में भी लाला जी की पुण्य स्मृति में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें स्थानीय नागरिकों के साथ युवा छात्रों ने भी उत्साह के साथ भाग लिया। इस शिविर के दौरान प्रीति सिंह, सुनील शर्मा, सुरबाला शर्मा, सोनिया उप्पल और आर्य समाज मंदिर के अध्यक्ष जितेंद्र खरबंदा के अलावा डीडीयू ब्लड बैंक की रजनी बाला प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
उधर पूर्वी दिल्ली के दुर्गापुरी क्षेत्र में जेके फाउंडेशन एवं श्री गोपाल गऊशाला परिवार ने अमर शहीद लाला जगत नारायण की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। इस दौरान संस्था के अध्यक्ष विनोद जैन, शिव कुमार गोयल, राज सिंह वालिया, सचिन, राजकुमार, गोलू भाई एवं पंडित राधेश्याम शर्मा ने लालाजी के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। जैन ने कहा अस्सी के दशक में जब पूरा पंजाब आतंकी माहौल से सुलग रहा था, उस दौर में भी कलम के सिपाही एवं देश भक्ति की भावना से प्रेरित लाला जी ने अपने बिंदास लेखन से आतंकियों के मंसूबों को उजागर किया और राज्य में शांति कायम करने के भरसक प्रयास किए। परन्तु 9 सितम्बर सन् 1981 को इन्हीं आतंकियों ने सच्चे देशभक्त एवं निडर पत्रकार लाला जी की हत्या कर दी।
एक यूनिट ब्लड से बच सकती है तीन लोगों की जान
दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ मौसमी स्वामी ने बताया कि महज एक यूनिट ब्लड से ही तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है। ब्लड की एक यूनिट से एक यूनिट पैक्ड रेड ब्लड, एक यूनिट प्लाज्मा और एक यूनिट प्लेटलेट्स बनाया जाता है जो अलग -अलग मरीजों के जीवन की रक्षा करने के काम आता है। उन्होंने बताया कि 18 से 60 वर्ष आयु के स्वस्थ व्यक्ति जिनका वजन कम से कम 45 किग्रा व हीमोग्लोबिन 12.5 ग्राम है तो वह रक्तदान कर सकते हैं।
रक्तदान से दाता को भी होता है फायदा होता
लोकनायक अस्पताल के ब्लड बैंक की डॉ प्रभा सिंह ने बताया कि ब्लड डोनेशन को लेकर लोगों में कई तरह के सवाल और गलतफहमियां हैं। जैसे-खून देने से कमजोरी आ जाती है, शरीर में पोषक तत्व कम हो जाते हैं या बार-बार बीमार पड़ जाते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं है। रक्तदान से जहां जरूरतमंद मरीज की जान बचती है। वहीं, रक्तदाता को भी फायदा होता है। रक्तदान करने से व्यक्ति के हृदय के स्वास्थ्य में सुधार आता है, कोलेस्ट्रॉल का लेवल नियंत्रित रहता है, मेंटल हेल्थ ठीक रहती है, तनाव कम होता है और शरीर में आयरन लेवल भी ठीक बना रहता है।