Agra: आगरा में मासूम से दरिंदगी, राज्य महिला आयोग प्रमुख ने घटनास्थल का लिया जायजा, दोषी को 15 दिन में सजा का आश्वासन

Agra: आगरा में मासूम से दरिंदगी, राज्य महिला आयोग प्रमुख ने घटनास्थल का लिया जायजा, दोषी को 15 दिन में सजा का आश्वासन
रिपोर्ट: आकाश जैन
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में थाना जगदीशपुरा क्षेत्र के अंतर्गत एक मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी की घटना ने सभी को झकझोर दिया है। इस गंभीर प्रकरण को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान शुक्रवार को स्वयं घटनास्थल पर पहुंचीं। उन्होंने पीड़िता के परिवार से मुलाकात कर हाल जाना और आसपास के पड़ोसियों से बातचीत कर घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। डॉ. चौहान ने घटनास्थल का निरीक्षण कर मौके की गंभीरता को समझा और पीड़िता के परिजनों को हरसंभव न्याय दिलाने का भरोसा दिया।
इसके पश्चात वे थाना जगदीशपुरा पहुंचीं, जहां उन्होंने पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से मामले में अब तक की गई कार्रवाई की विस्तृत प्रगति रिपोर्ट मांगी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस मामले में पूरी गंभीरता बरती जाए, किसी भी स्तर पर कोताही नहीं होनी चाहिए और दोषी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाए।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि यह घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है, और इसे समाज कभी स्वीकार नहीं कर सकता। उन्होंने ऐलान किया कि यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा और 15 दिन के भीतर दोषी को सजा दिलाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। डॉ. चौहान ने कहा कि समाज को भी इस तरह के अपराधों के खिलाफ सजग और सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे अपने बच्चों का ध्यान रखें और ऐसी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को दें।
पुलिस प्रशासन को स्पष्ट निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में पुलिस को पीछे नहीं हटना चाहिए, साक्ष्य संकलन और विवेचना में पूरी गंभीरता बरती जाए ताकि न्याय सुनिश्चित किया जा सके और यह सजा अन्य अपराधियों के लिए भी एक मिसाल बने। डॉ. चौहान ने यह भी जानकारी दी कि शुरूआत में पीड़िता का परिवार समझौते के प्रयास में था, लेकिन अब काउंसलिंग और समझाइश के बाद परिवार को कार्यवाही के लिए तैयार कर लिया गया है। जल्द ही इस मामले में दोषी को न्यायिक प्रक्रिया के तहत कड़ी सजा मिलेगी।
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने कानून व्यवस्था, सामाजिक जिम्मेदारी और बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर स्पष्ट संदेश दिया कि ऐसे अपराध किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और दोषियों को कड़ी सजा देकर उदाहरण प्रस्तुत किया जाएगा।