
नई दिल्ली, 17 जुलाई: लद्दाख के ऊंचे दुर्गम इलाके में तेज गति से उड़ रहे ड्रोन को आकाश प्राइम मिसाइल ने वीरवार को मार गिराया। यह भारतीय सेना की हथियार प्रणाली ‘आकाश’ का उन्नत संस्करण है। जो 4,500 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर मंडरा रहे खतरे को कुछ ही पलों में नष्ट करने में सक्षम है।
इसमें स्वदेशी तकनीक से विकसित रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर सहित नवीनतम उन्नयन शामिल हैं। हथियार प्रणाली को सेना वायु रक्षा और डीआरडीओ ने भारत डायनामिक्स लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड जैसे रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों और अन्य उद्योग भागीदारों के साथ मिलकर डिजाइन और विकसित किया गया है। ये परीक्षण पहले उत्पादन मॉडल फायरिंग परीक्षण के हिस्से के रूप में किए गए थे। इस हथियार से समय पर प्रेरण और देश की उच्च-ऊंचाई वाली सीमाओं पर वायु रक्षा क्षमता में वृद्धि संभव होगी।
यह उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत द्वारा स्वदेश में विकसित वायु रक्षा प्रणालियों के असाधारण प्रदर्शन के बाद प्राप्त हुई है। यह देश के मिसाइल विकास कार्यक्रमों की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो अब वैश्विक रक्षा बाजार में तेज़ी से लोकप्रिय हो रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए भारतीय सेना, डीआरडीओ और उद्योग जगत को बधाई दी है। उन्होंने इस सफलता को भारत की वायु रक्षा क्षमताओं, विशेष रूप से उच्च-ऊंचाई वाली परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में, एक महत्वपूर्ण बढ़ावा बताया।