Delhi: पूर्वी दिल्ली में कावड़ यात्रा को लेकर प्रशासन की बैठक, समितियों ने सुविधाओं को लेकर जताई नाराज़गी

Delhi: पूर्वी दिल्ली में कावड़ यात्रा को लेकर प्रशासन की बैठक, समितियों ने सुविधाओं को लेकर जताई नाराज़गी
रिपोर्ट: रवि डालमिया
पूर्वी दिल्ली में कावड़ यात्रा को लेकर जिला प्रशासन और विभिन्न कावड़ समितियों के प्रतिनिधियों के बीच मंगलवार को जिलाधिकारी कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता पूर्वी दिल्ली के जिलाधिकारी अनमोल श्रीवास्तव ने की, जिसमें एसडीएम संजय कुमार समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक में कावड़ यात्रा के दौरान कैंपों में दी जाने वाली सुविधाओं की समीक्षा की गई और समिति सदस्यों की समस्याएं सुनी गईं।
बैठक के बाद एसडीएम संजय कुमार ने जानकारी दी कि सभी कावड़ समितियों के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से यह बैठक बुलाई गई थी। उन्होंने बताया कि जल बोर्ड द्वारा कावड़ शिविरों में पानी की सुविधा दी जा रही है, बीएसईएस बिजली कनेक्शन उपलब्ध करा रही है, दिल्ली पुलिस सुरक्षा व्यवस्था संभाल रही है और ट्रैफिक पुलिस यातायात प्रबंधन में जुटी हुई है। इसके अलावा, एक विशेष व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है, जिसके माध्यम से कावड़ समितियों की शिकायतें और आवश्यकताएं सीधे प्रशासन तक पहुंचाई जा सकेंगी।
हालांकि बैठक के बाद कई कावड़ समिति प्रतिनिधियों ने दिल्ली सरकार द्वारा दी जा रही वित्तीय सहायता पर नाराजगी जताई। उनका कहना है कि सरकार की ओर से महज 50,000 से लेकर एक लाख रुपये तक की राशि दी जा रही है, जो जनरेटर जैसे मूलभूत खर्चों को भी पूरा करने के लिए नाकाफी है। उनका आरोप है कि इतने कम बजट में टेंट लगाना, भंडारा चलाना और आवश्यक व्यवस्थाएं करना असंभव है।
कुछ समिति प्रतिनिधियों ने यहां तक कहा कि अगर उन्हें इतनी कम सहायता ही दी जानी है, तो वे प्रशासन से कोई सहयोग नहीं लेंगे और अपने स्तर पर कावड़ कैंप लगाने को मजबूर होंगे। उनका कहना था कि पिछली सरकारें कम से कम टेंट जैसी सुविधाएं तो उपलब्ध करवा देती थीं। वहीं कुछ लोगों ने भाजपा सरकार से अपनी उम्मीदों को लेकर भी निराशा जाहिर की। उनका कहना है कि नई सरकार से बेहतर व्यवस्थाओं की अपेक्षा थी, लेकिन अब तक ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला।
जिला प्रशासन का कहना है कि उनकी ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं कि कावड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। फिर भी कावड़ समितियों की शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है और आगे की बैठकों में इन विषयों पर विस्तार से विचार किया जाएगा।
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