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उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा में बड़ी परियोजनाओं के समाधान के आसार

उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा में बड़ी परियोजनाओं के समाधान के आसार

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा। नोएडा प्राधिकरण की ओर से नोएडा की उन परियोजनाओं के समाधान की कोशिशें हो रही हैं, जिनके मामले नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में चल रहे हैं। नोएडा में ऐसे ही कुछ मामलों में बात बनती नजर आ रही है। इस क्रम में ताजा मामला नोएडा के सेक्टर-120 के आरजी रेजिडेंसी का है। नोएडा के आरजी ग्रुप के बीच वार्ता चल रही है। वार्ता कुल बकाये की रकम पर आकर टिकी है।

बताया जा रहा है कि नोएडा की इस परियोजना में प्राधिकरण का करीब 170 करोड़ का बकाया है। नोएडा में आरजी ग्रुप से बातचीत के बाद कुल बकाये की रकम का पता चलेगा। इसके बाद ग्रुप को पैसे जमा कराने को कहा जाएगा। यहां 1540 यूनिट का निर्माण हुआ है। इनमें से 960 यूनिट की रजिस्ट्री पहले ही हो चुकी है। अगर बिल्डर और प्राधिकरण के बीच समाधान की कोशिशें पूरी हो जाएं तो बाकी बची हुई 580 यूनिट की रजिस्ट्री का रास्ता भी खुल जाएगा। इस मामले में बिल्डर खुद ही एनसीएलटी गया था। इसके बाद अब प्राधिकरण की ओर से इसमें बातचीत के लिए पहल की गई है। हिमांशु गर्ग, निदेशक, आरसी ग्रुप ने बताया कि प्राधिकरण से बातचीत चल रही है। जल्द ही इसका समाधान कराया जाएगा। ग्रुप प्राधिकरण के सारे पैसे देने को तैयार है। हालांकि अंतिम तौर पर गणना चल रही है।

प्राधिकरण और बिल्डर की कोशिशों से इस परियोजना को उबारने में मदद मिली

इसी तरह से सेक्टर-16बी में बुलेवार्ड प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड का अधिग्रहण मैक्स एस्टेट ने किया था। हालांकि इस परियोजना को लेने के दौरान कई बार काम बनते-बनते भी बिगड़ा। लेकिन बताया जा रहा है कि प्राधिकरण और बिल्डर की कोशिशों से इस परियोजना को उबारने में मदद मिल गई है। हालांकि अंतिम तौर पर बकाये पैसे को लेकर थोड़ी बातचीत होनी है। लेकिन इसका रास्ता अब खुल गया है। प्राधिकरण के उच्चाधिकारियों की मानें तो दो-तीन परियोजनाओं में बातचीत चल रही है। इसका समाधान बकाये पैसे के चुकाने के बाद ही हो पाएगा। इस बाबत बातचीत के बाद कुल बकाये की गणना होगी। इसके बाद ही काम हो जाएगा।

को-डेवलपर की नीति का लिया था सहारा

एनसीएलटी में गई परियोजनाओं के समाधान के लिए को-डेवलपर नीति का भी सहारा लिया गया था। हालांकि प्राधिकरण को इस नीति से घाटे की उम्मीद है। प्राधिकरण चाहता है कि अलग से इसका समाधान कराया जाए ताकि उसके बकाया पैसे की वसूली हो सके। हालांकि को डेवलपर नीति के लागू होने के बाद तीन मामलों में बहुत अच्छा परिणाम नजर नहीं आया। बावजूद इसके समाधान की कोशिश जारी है।

25 परियोजनाओं में फंसे हैं करीब 10000 करोड़ रुपये

नोएडा प्राधिकरण की करीब 25 परियोजनाएं एनसीएलटी में फंसी हैं। इसमें करीब 10,000 करोड़ रुपये प्राधिकरण को वसूलने हैं। प्राधिकरण की कोशिश है कि इन परियोजनाओं को एनसीएलटी के बाहर ही समाधान कराया जाए। इनमें से अलग-अलग परियोजनाओं पर 200 से 700 करोड़ रुपये तक का बकाया है। अगर इन परियोजनाओं में समाधान की कोशिश सफल होती है तो इससे हजारों फ्लैट खरीदारों को राहत मिलेगी। लोकेश एम, सीईओ, नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि एनसीएलटी में जा चुकीं परियोजनाओं के मामले में बिल्डरों से बातचीत चल रही है। प्राधिकरण की कोशिश है कि इन परियोजनाओं का बकाया जमा कराते हुए रजिस्ट्री कराने में बिल्डर सहयोग करें। प्राधिकरण हर सहयोग के लिए तैयार है।

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