
नई दिल्ली, 2 जून : कोविड -19 के संक्रमण में इजाफा होने के साथ ही दिल्ली के तमाम सरकारी अस्पतालों ने एहतियाती उपाय बरतने शुरू कर दिए हैं। अस्पतालों का दावा है कि हमने मरीजों के लिए आईसीयू के साथ वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, दवाएं, पीपीई किट, मास्क और कोरोना परीक्षण किट आदि के पर्याप्त इंतजाम कर लिए हैं। साथ ही आइसोलेशन वार्ड भी स्थापित किए हैं।
इस संबंध में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से संबद्ध श्रीमती सुचेता कृपलानी अस्पताल में 30 बेड क्षमता वाला आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। इसमें 6 -6 बेड के पांच कमरों को शामिल किया गया है। मरीजों के लिए वेंटिलेटर व अन्य सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। अटल बिहारी वाजपेयी आयुर्विज्ञान संस्थान से सम्बद्ध राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने कोरोना संक्रमितों के लिए 9 बेड क्षमता वाला आइसोलेशन वार्ड तैयार किया है। जिसे जरुरत पड़ने पर बढ़ाए जाने की बात कही जा रही है। वहीं वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सफदरजंग अस्पताल ने भी कोरोना मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड तैयार किया है। इसमें कोरोना की गंभीर स्थिति वाले मरीजों के लिए अलग से आईसीयू बेड निर्धारित किए गए हैं।
घबराने की नहीं है जरूरत
आरएमएल के डॉ. चमन कुमार ने कहा कि हमारे यहां हाल ही में कुछ मरीज अन्य बीमारियों की वजह से भर्ती हुए थे। जब हमें उनके लक्षण कोरोना संक्रमण वाले लगे तो उनकी जांच की और चार मरीज पॉजिटिव पाए गए। उनको आइसोलेशन में रखा गया। किसी भी मरीज को कोई गंभीर लक्षण नहीं थे, ना ही कोई बड़ी समस्या थी। सामान्य तरीके से ही वह आइसोलेशन में रहकर ठीक हुए। इसलिए जब तक लक्षण ना हो तब तक किसी को भी जांच कराने की जरूरत नहीं है।
बुखार, सर्दी-खांसी जुकाम होने पर खुद से ना कराएं टेस्ट
डॉक्टरों का कहना है, हल्का बुखार, सर्दी-खांसी जुकाम होने पर कभी खुद से टेस्ट ना कराएं। डॉक्टर की सलाह से ही टेस्ट कराएं। कोविड का यह जो स्ट्रेन है यह ज्यादा घातक नहीं है। कोरोना की जो लहर पहले आई थी, उसमें लोगों को बहुत ज्यादा समस्या हुई थी। आईसीयू में एडमिट होने की जरूरत पड़ी थी। ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी थी, लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं है, किसी को भी आईसीयू की जरूरत नहीं पड़ रही है।