
नई दिल्ली, 27 मई : पर्यावरण के प्रति संवेदनशील भारतीय तटरेखा की रक्षा में जुटे तटरक्षक बल ने तेल रिसाव के प्रसार की दर को काफी कम कर दिया है। जिसके चलते तेल का बहाव मंगलवार की शाम तक भी तटों तक नहीं पहुंच सका है।
दरअसल बीते रविवार, 25 मई की सुबह लाइबेरिया का कंटेनर पोत, एमएससी एल्सा 3 अल्लापुझा के तट पर डूब गया था जिसकी वजह से समुद्र में तेल रिसाव होने की संभावना बढ़ गई थी। इसे रोकने के लिए आईसीजी ने तीन अपतटीय गश्ती पोत और एक विशेष प्रदूषण नियंत्रण पोत, आईसीजीशिप समुद्र प्रहरी को तैनात किया है। सीमित रिसाव के आकलन और प्रतिक्रिया के लिए कोच्चि स्थित आईसीजी एयर एन्क्लेव से आईसीजी डोर्नियर विमानों द्वारा प्रतिदिन कई हवाई उड़ानें भरी जा रही हैं।
केरल के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने प्रतिक्रिया कर्ताओं और स्थानीय लोगों को तट पर बह रहे मलबे या कार्गो से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश देते हुए कई सलाह जारी की हैं। मंगलवार शाम 5 बजकर 38 मिनट तक, केरल के तीन तटीय जिलों में 46 कंटेनर बहकर तट पर आ चुके हैं। बहाव का पैटर्न मौजूदा मौसम की स्थिति के अनुरूप है और अन्य मलबा भी बाद में समुद्र तट पर आने की उम्मीद है।