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संविधान दिवस पर 11,608 नागरिकों ने कराया ‘प्रकृति परीक्षण’

संविधान दिवस पर 11,608 नागरिकों ने कराया 'प्रकृति परीक्षण'

नई दिल्ली, 26 नवम्बर: आयुष मंत्रालय ने आम जनता के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए संविधान दिवस से ‘देश का प्रकृति परीक्षण’ अभियान शुरू कर दिया है।

इस अभियान का उद्देश्य लोगों को उनकी अद्वितीय आयुर्वेदिक प्रकृति (मन-शरीर संरचना) की जानकारी देना और उसे समझने के लिए प्रेरित करना है। ताकि वह विभिन्न ऋतुओं के मुताबिक अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित कर सकें और स्वास्थ्य को बनाए रख सकें। हालांकि, यह परीक्षण अभियान पहले ही 6,828 प्रतिभागियों तक अपनी पहुंच बना चुका है, जिसके तहत वह अपना प्रकृति परीक्षण (मूल्यांकन) पूरा कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त 11,608 नागरिकों ने आज अपने बेहतर स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेदिक सिद्धांतों को अपनाने का संकल्प लिया है, जो इस राष्ट्रव्यापी आंदोलन की एक आशाजनक शुरुआत है।

केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने कहा, अब तक हमें जो प्रतिक्रिया मिली है वह हमारे देश में दैनिक जीवन में आयुर्वेद के प्रति बढ़ती जागरूकता और स्वीकार्यता का प्रमाण है। प्रत्येक व्यक्ति जो प्रकृति परीक्षण में भाग लेता है और व्यक्तिगत स्वास्थ्य दृष्टिकोण अपनाता है, वह स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान दे रहा है। यह सिर्फ शुरुआत है, और हम साथ मिलकर आने वाली पीढ़ियों के लिए देश के स्वास्थ्य में बदलाव लाएंगे। इस अभियान में करीब साढ़े चार लाख आयुर्वेद विशेषज्ञों, प्रोफेसरों और छात्रों के साथ 10,737 सक्रिय स्वयंसेवक भी शामिल हैं।

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