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तीमारदारों ने जीटीबी के मेडिकल स्टाफ के साथ की बदसुलूकी

-आरडीए ने अस्पताल प्रशासन से संस्थागत एफआईआर दर्ज कराने की मांग की

नई दिल्ली, 26 नवम्बर: गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग में सोमवार देर रात एक मरीज व उसके परिजनों की ओर से ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ और कर्मचारियों के साथ बदसलूकी किए जाने का मामला सामने आया है।

इस मामले में जीटीबी अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने चिकित्सा निदेशक को पत्र लिखकर मरीज व परिजनों के खिलाफ संस्थागत प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की है। साथ ही ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अस्पताल में सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की भी मांग की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर रजत शर्मा ने कहा कि न्यूरोसर्जरी विभाग में एक मरीज जांच के दौरान हिंसक हो गया और उसने ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों, नर्सों और कर्मचारियों के साथ गाली-गलौज की। साथ ही धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल किया और उन पर शारीरिक हमला करने की कोशिश की। इसके अलावा मरीज ने अस्पताल की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया।

उन्होंने कहा कि आरडीए द्वारा ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आरडीए अपने सहकर्मियों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा। इसके साथ ही आरडीए ने अस्पताल प्रशासन से अनुरोध किया है कि सुरक्षा कर्मियों और स्वास्थ्य विभाग के साथ एक बैठक आयोजित की जाए ताकि डॉक्टर सुरक्षा को लेकर उचित बंदोबस्त किया जा सके।

सुरक्षा फाइल को मिले तत्काल मंजूरी
डॉ रजत शर्मा ने कहा कि करीब 4 महीने पहले दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव ने स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों की सुरक्षा से संबंधित फाइल को मंजूरी देने के लिए दो सप्ताह का अल्टीमेटम दिया गया था। लेकिन 16 सप्ताह बीतने के बावजूद न तो कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए गए और न ही कोई अन्य ठोस कदम उठाया गया। इस संबंध में कोई अप्रिय घटना घटने का इंतजार करने के बजाय तत्काल मंजूरी दी जानी चाहिए। अगर यह मामला अनसुलझा रहता है, तो हम आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

सफदरजंग को मिला एम्स की आरडीए का संग
उधर, 24 नवम्बर की भोर में सफदरजंग अस्पताल के आपातकालीन विभाग में पीजी डॉक्टर संग आईपीएस अधिकारी की बदसुलूकी का मामला गरमा गया है। इस संबंध में एम्स दिल्ली के जूनियर डॉक्टर भी मैदान में उतर आए हैं। उन्होंने आरडीए के माध्यम से एक पत्र जारी करके मंगलवार को कहा कि हम सफदरजंग में मौखिक उत्पीड़न के शिकार डॉक्टरों के साथ एकजुट हैं। एम्स आरडीए अध्यक्ष डॉ इंद्र शेखर प्रसाद ने कहा कि हमने अस्पताल प्रशासन से इस घटना की गहन जांच करने तथा इस तरह के व्यवहार की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उचित कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही विवाद में शामिल आईपीएस अधिकारी से लिखित माफीनामा लेने की मांग की है।

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