सपा नेता के भाई की कमर्शियल बिल्डिंग की सील, धमकाते हुए वीडियो वायरल
सपा नेता के भाई की कमर्शियल बिल्डिंग की सील, धमकाते हुए वीडियो वायरल

अमर सैनी
नोएडा। नोएडा प्राधिकरण की टीम ने बुधवार को सेक्टर-18 मार्केट स्थित आठ मंजिला पी-14 कमर्शियल बिल्डिंग को सील कर दिया। इसमें बड़ी कंपनियों के शोरूम चल रहे थे। बताया जा रहा है कि बिल्डिंग मालिक ने प्राधिकरण को 21 करोड़ रुपये का बकाया नहीं चुकाया था। इसलिए यह सीलिंग की कार्रवाई की गई। वही, बिल्डिंग के मालिक सपा नेता राकेश यादव के बड़े भाई महेश यादव का प्राधिकरण के अधिकारियों को धमकाते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है।
प्राधिकरण वाणिज्य विभाग के ओएसडी अशोक शर्मा ने बताया कि बकाया न चुकाने की एवज में प्राधिकरण ने 20 अप्रैल 2023 को आवंटी का प्लॉट निरस्त कर दिया था। इसके आदेश के खिलाफ आवंटी ने हाईकोर्ट में केस दायर किया था। जिसमें हाईकोर्ट ने 1 मई 2023 को याचिका खारिज करते हुए आवंटी को 15 मई 2023 तक या उससे पहले प्राधिकरण में पांच करोड़ रुपये जमा कराने और शेष 16 करोड़ रुपये चार तिमाही किस्तों में चार करोड़ रुपये जमा कराने के आदेश दिए थे। प्राधिकरण ने आवंटी के लिए किस्तें बनाते हुए 15 अगस्त 2023, 15 नवंबर 2023, 15 फरवरी 2024 तथा 15 मई 2024 की तिथियां तय की थी। इस दौरान आवंटी ने प्राधिकरण में एक भी रुपया जमा नहीं कराया और न ही प्राधिकरण के पत्र का जवाब दिया। उल्टे आवंटी ने कई बड़े शोरूम मालिकों को धोखे में रखकर आठ मंजिला इमारत में दुकानें किराए पर आवंटित कर दी।
बिना अनुमति के किराए पर दिए शोरूम
प्राधिकरण अधिकारियों ने यह भी बताया कि बकाया चुकाने के बजाय, आवंटी ने 8 मंजिला इमारत को धोखे में रखकर कई बड़े शोरूम मालिकों को किराए पर आवंटित कर दिया था। यहां कई प्रतिष्ठित कंपनियों के शोरूम चल रहे थे, जो इस सीलिंग की कार्रवाई से प्रभावित हुए हैं।
कोर्ट का आदेश नहीं मानने पर हुई कार्रवाई
बुधवार को प्राधिकरण की टीम ने अदालती आदेश की अवहेलना करने तथा प्राधिकरण का करीब 21 करोड़ रुपये बकाया जमा न कराने पर इमारत को सील कर दिया।
प्राधिकरण करेगा कंसल्टेंट कंपनी नियुक्त
आधारभूत ढांचे के विकास और विभिन्न परियोजनाओं के लिए भूमि की बढ़ती मांग को देखते हुए प्राधिकरण लैंड बैंक बढ़ा रहा है। इसके लिए प्राधिकरण कंसल्टेंट कंपनी नियुक्त करने की योजना बना रहा है। कंसल्टेंट कंपनी नोएडा के किसानों से सीधे जमीन खरीदने और भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत जमीन लेने दोनों के प्रबंधन में प्राधिकरण की मदद करेगी। कंपनी किसानों से बातचीत भी करेगी।