Gold Price Record: अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना ₹1.42 लाख के पार, जानिए तेजी की वजह और आगे का अनुमान
Gold Price Record: अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना ₹1.42 लाख के पार, जानिए तेजी की वजह और आगे का अनुमान
सोने की कीमतों ने एक बार फिर नया इतिहास रच दिया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहली बार गोल्ड 4,500 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार कर गया है। भारतीय मुद्रा में इसका असर साफ दिखाई दे रहा है, जहां सोने की कीमत करीब ₹1,42,500 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है। यह अब तक का सर्वकालिक उच्च स्तर माना जा रहा है।
स्पॉट गोल्ड में हल्की लेकिन लगातार तेजी देखने को मिल रही है। बुधवार को इसमें करीब 0.11 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई और यह $4,510.60 प्रति औंस तक पहुंच गया, जबकि इसका रिकॉर्ड हाई $4,555 रहा। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा वैश्विक हालात में निवेशकों का रुझान तेजी से सुरक्षित निवेश की ओर बढ़ रहा है, जिससे सोने की कीमतों को मजबूती मिल रही है।
इस तेजी के पीछे सबसे बड़ी वजह वेनेजुएला को लेकर बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव है। अमेरिका द्वारा वेनेजुएला के तेल टैंकरों की नाकाबंदी, कैरेबियन क्षेत्र में बढ़ती सैन्य गतिविधियां और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कड़ी चेतावनियों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनिश्चितता बढ़ा दी है। ऐसे माहौल में निवेशक जोखिम भरे एसेट से दूरी बनाकर सोने जैसे सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।
इसके अलावा, अमेरिका में ब्याज दरों को लेकर भी अहम संकेत मिल रहे हैं। बाजार को उम्मीद है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व आने वाले समय में ब्याज दरों में और कटौती कर सकता है। कम ब्याज दरें आमतौर पर सोने जैसी गैर-ब्याज देने वाली संपत्तियों के लिए फायदेमंद होती हैं, जिससे कीमतों में तेजी आती है।
अगर घरेलू बाजार की बात करें तो मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी MCX पर भी सोने और चांदी में जबरदस्त उछाल देखा गया। 5 फरवरी 2026 एक्सपायरी वाले गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट में करीब 0.39 फीसदी की तेजी आई और कीमत ₹1,38,417 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई। कारोबार के दौरान सोने ने ₹1,38,676 का उच्च स्तर छुआ, जबकि इसका निचला स्तर ₹1,38,085 रहा।
चांदी ने भी निवेशकों को हैरान कर दिया है। एक बार फिर चांदी अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई। इसमें करीब 1.42 फीसदी की तेजी दर्ज की गई और कीमत ₹2,22,763 प्रति किलो हो गई। कारोबार के दौरान चांदी ने ₹2,24,300 का उच्च स्तर बनाया, जबकि इसका निचला स्तर ₹2,21,000 रहा। पिछले सत्र में चांदी ₹2,19,653 पर बंद हुई थी।
पूरे साल के प्रदर्शन पर नजर डालें तो सोना अब तक 70 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुका है, जबकि चांदी में करीब 150 फीसदी की जबरदस्त तेजी दर्ज की गई है। यह प्रदर्शन 1979 के बाद सबसे बेहतरीन सालाना रिटर्न की ओर इशारा कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीद और गोल्ड ETF में मजबूत निवेश इसकी बड़ी वजह है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक मई को छोड़कर इस साल लगभग हर महीने गोल्ड-बैक्ड ETF में निवेश बढ़ा है।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि सोने और चांदी में अभी भी मजबूती बनी रह सकती है। Guardian Vaults के जॉन फीनी के अनुसार, मौजूदा तेजी सट्टा नहीं बल्कि मजबूत फिजिकल डिमांड और वैश्विक जोखिम के चलते आई है। अक्टूबर में आई हल्की गिरावट के बाद सोने का तेजी से संभलना आगे भी मजबूती के संकेत देता है।
गोल्डमैन सैक्स समेत कई बड़े वैश्विक बैंक अनुमान लगा रहे हैं कि 2026 तक सोने की कीमत और ऊपर जा सकती है। गोल्डमैन सैक्स का बेस-केस अनुमान $4,900 प्रति औंस का है, जिसमें और तेजी की संभावना भी जताई जा रही है।
हालांकि, विशेषज्ञ यह भी सलाह दे रहे हैं कि मौजूदा ऊंचे स्तरों पर अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से इनकार नहीं किया जा सकता। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए सोना अभी भी सुरक्षित विकल्प बना हुआ है, लेकिन बेहतर होगा कि निवेश चरणबद्ध तरीके से किया जाए।





