Bisahada case: बिसाहड़ा कांड: मुकदमा वापसी की अर्जी पर 23 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

Bisahada case: बिसाहड़ा कांड: मुकदमा वापसी की अर्जी पर 23 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
नोएडा के बहुचर्चित बिसाहड़ा कांड में सरकार की ओर से मुकदमा वापस लेने की अर्जी पर अब 23 दिसंबर को अदालत में अगली सुनवाई होगी। यह मामला सितंबर 2015 में गांव बिसाहड़ा में हुई अखलाक की पीट-पीटकर हत्या से जुड़ा है, जिसने उस समय पूरे देश में सांप्रदायिक तनाव और बहस को जन्म दिया था। शासन के निर्देशों के बाद सहायक जिला शासकीय वकील (फौजदारी) ने अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए सामाजिक सद्भाव और शांति व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए मुकदमा वापस लेने की अनुमति मांगी है।
इससे पहले 12 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने समय मांगा था, जिसके बाद अदालत ने अगली तारीख 23 दिसंबर तय की। यह अर्जी उत्तर प्रदेश शासन के न्याय अनुभाग-5 (फौजदारी) द्वारा 26 अगस्त 2025 को जारी शासनादेश के आधार पर दाखिल की गई है। इसके तहत राज्य सरकार ने इस मुकदमे को वापस लेने का निर्णय लिया था। इसके बाद संयुक्त निदेशक अभियोजन, गौतमबुद्धनगर ने 12 सितंबर 2025 को जिला शासकीय वकील (फौजदारी) को पत्र जारी कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया था कि राज्यपाल की ओर से अभियोजन वापसी की अनुमति प्रदान कर दी गई है। यह पूरी प्रक्रिया दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 321 के तहत की गई है और इसी क्रम में 15 अक्टूबर को अदालत में औपचारिक अर्जी दाखिल की गई थी।
बिसाहड़ा कांड की बात करें तो 28 सितंबर 2015 की रात थाना जारचा क्षेत्र के गांव बिसाहड़ा में गोमांस सेवन की अफवाह फैलने के बाद भीड़ ने अखलाक के घर पर हमला कर दिया था। इस हिंसक घटना में अखलाक की मौके पर ही पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, जबकि उनका बेटा दानिश गंभीर रूप से घायल हो गया था। इस घटना ने पूरे देश में आक्रोश और राजनीतिक प्रतिक्रियाओं की लहर पैदा कर दी थी। अखलाक की पत्नी इकरामन ने इस मामले में 10 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
एफआईआर के अनुसार, आरोपी लाठी-डंडों और तमंचों के साथ घर में घुसे और पूरे परिवार पर हमला किया। पुलिस ने जांच के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 307, 302, 323, 504, 506, 427, 458 और 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। विवेचना के दौरान चश्मदीद गवाहों के बयान दर्ज किए गए, जिनमें अखलाक की पत्नी इकरामन, मां असगरी, बेटी शाहिस्ता और बेटा दानिश शामिल थे। शुरुआती बयानों में जहां 10 आरोपियों के नाम सामने आए, वहीं बाद के बयानों में गवाहों ने 16 और नाम जोड़े।
अखलाक की बेटी शाहिस्ता ने 26 नवंबर 2015 को धारा 164 सीआरपीसी के तहत दिए बयान में 16 आरोपियों का जिक्र किया था, जबकि 5 दिसंबर को बेटे दानिश ने 19 लोगों के नाम बताए थे। जांच पूरी होने के बाद विवेचक ने 22 दिसंबर 2015 को 18 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। वर्तमान में सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं और मामला अभी साक्ष्य के चरण में लंबित है। अब 23 दिसंबर की सुनवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं, जहां अदालत सरकार की मुकदमा वापसी की अर्जी पर फैसला करेगी।





