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Okhla: ओखला पक्षी विहार की झील में लौटा जीवन, प्रवासी परिंदों का लगेगा रंगीन मेला

Okhla: ओखला पक्षी विहार की झील में लौटा जीवन, प्रवासी परिंदों का लगेगा रंगीन मेला

नोएडा, सर्द हवाओं की दस्तक के साथ दिल्ली-एनसीआर का ओखला पक्षी विहार एक बार फिर प्रवासी परिंदों के स्वागत के लिए तैयार हो गया है। सूख चुकी झील में अब पानी भर चुका है, जिससे एक बार फिर पक्षियों का जमघट लगने लगा है। जलस्तर बहाल होने के बाद पक्षी विहार में चारों ओर चहकते और उड़ान भरते प्रवासी परिंदों की आवाज़ें गूंजने लगी हैं। इस मनमोहक दृश्य को देखने के लिए पर्यटक भी बड़ी संख्या में पहुंचने लगे हैं।

हर साल सर्दी की शुरुआत के साथ जब उत्तरी पहाड़ों पर बर्फबारी होती है, तब हजारों किलोमीटर दूर से आने वाले जलपक्षी उत्तर भारत की झीलों की ओर रुख करते हैं। ओखला पक्षी विहार इन प्रवासी पक्षियों के लिए एक सुरक्षित और उपयुक्त ठिकाना बन चुका है। लेकिन इस बार अक्टूबर के अंत तक झील का पानी पूरी तरह सूख गया था, जिससे कई प्रवासी पक्षी अन्य जलाशयों की ओर चले गए थे। अब झील में पानी लौट आने से यह इलाका फिर से जीवंत हो उठा है।

विशेषज्ञों के अनुसार, पानी की बहाली से पक्षियों को ठहरने, भोजन खोजने और प्रजनन के लिए बेहतर पर्यावरण मिलेगा। स्थानीय प्रशासन ने भी झील के आसपास सफाई और संरक्षण की व्यवस्था मजबूत कर दी है, ताकि सर्दियों के मौसम में आने वाले पक्षियों के लिए अनुकूल माहौल बना रहे।
ओखला पक्षी विहार में इस वर्ष येलो वैगटेल, ग्रीन सैंडपाइपर, ब्लैक बर्ड टर्न, यूरोपियन मार्श हैरियर, ग्रे-लेग गूज, पिनटेल, रेड ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर, नारंगी कैचर, पेट्रोनिया, बार हेडेड गूस, नॉर्दन शोवलर, एशियन कोयल, नॉर्दन लैपविंग, ग्रे हेरॉन, ब्लैक काइट, कॉमन पोचार्ड, यूरेशियन कूट और स्टार्लिंग्स जैसे दुर्लभ और खूबसूरत परिंदों के पहुंचने की उम्मीद है।
इन प्रवासी परिंदों का आगमन न केवल पर्यावरणीय संतुलन का संकेत है, बल्कि प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए भी किसी उत्सव से कम नहीं। हर साल की तरह इस बार भी ओखला पक्षी विहार का आसमान परिंदों के पंखों से रंगीन हो उठेगा और झील का जल जीवन से भर जाएगा।

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