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Ferozepur Border Marathon 2025: फिरोजपुर बॉर्डर मैराथन 2025: देशभक्ति और एकता का अद्भुत संगम

Ferozepur Border Marathon 2025: फिरोजपुर बॉर्डर मैराथन 2025: देशभक्ति और एकता का अद्भुत संगम
शहीदों के सम्मान और नशा मुक्ति के संदेश के साथ दौड़ा फिरोजपुर

नई दिल्ली/फिरोजपुर,
शहीदों की भूमि फिरोजपुर ने आज देशभक्ति और एकता का एक अद्भुत उदाहरण पेश किया। भारतीय सेना के गोल्डन एरो डिवीजन द्वारा आयोजित ‘फिरोजपुर बॉर्डर मैराथन 2025’ ने हजारों लोगों को एकजुट करते हुए राष्ट्रप्रेम, अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी का संदेश दिया। इस ऐतिहासिक आयोजन का उद्देश्य शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करना और युवाओं को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरे से जागरूक करना था।

मैराथन की भव्य शुरुआत

गोल्डन एरो डिवीजन के मेजर जनरल आर.एस. मनराल ने मैराथन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसमें तीन श्रेणियां रखी गईं — हाफ मैराथन, 10 किमी और 5 किमी दौड़, जिनमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए 4,000 से अधिक प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

देशभक्ति के रंग में रंगा फिरोजपुर

मैराथन का समापन हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर हुआ, जहां शहीद भगत सिंह, शहीद सुखदेव और शहीद राजगुरु की पावन समाधि पर प्रतिभागियों ने नमन किया। पूरे मार्ग पर स्थानीय नागरिकों, विद्यार्थियों और सैनिकों ने “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम” के नारों से देशभक्ति का माहौल बना दिया।

नशा मुक्त भारत का संकल्प

मेजर जनरल आर.एस. मनराल ने अपने संबोधन में कहा—

“नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई एक राष्ट्रीय मिशन है। इसमें हर नागरिक, समुदाय, प्रशासन और सुरक्षा बलों की सामूहिक भागीदारी आवश्यक है।”
उन्होंने युवाओं से स्वस्थ और अनुशासित जीवन अपनाने की अपील की।

प्रतिष्ठित हस्तियों की मौजूदगी से बढ़ा आयोजन का गौरव

इस कार्यक्रम में कई नामचीन हस्तियों ने उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें ओलंपियन परगट सिंह (पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार विजेता), रणवीर सिंह आवला, राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, वीरेंद्र मोहन सिंघल, समीर मित्तल, अनिरुद्ध गुप्ता, प्रोफेसर जगमोहन सिंह, कर्नल कृष्ण बधवार (सेवानिवृत्त) और भारत के प्रसिद्ध ब्लेड रनर मेजर डी.पी. सिंह (सेवानिवृत्त) शामिल थे।

सीमावर्ती पर्यटन और संस्कृति को मिला प्रोत्साहन

इस आयोजन ने खेल, देशभक्ति और पर्यटन को जोड़ते हुए सीमावर्ती क्षेत्र फिरोजपुर की सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय गौरव को नए स्तर पर पहुंचाया। स्थानीय प्रशासन और पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर मौजूद रहे और प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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